2012-10-22 13:28:36

संतों के बिना सुसमाचार प्रचार अप्रभावपूर्ण


वाटिकन सिटी, 22 अक्तूबर, 2012 (वीआर, अंग्रेज़ी) वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदेरिको लोमबारदी ने कहा है कि रोम के संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में आयोजित संत घोषणा समारोह काथलिक कलीसिया के लिये खुशी और रोशनी की एक शक्तिशाली किरण के समान है।
फादर लोमबारदी ने उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने वाटिकन टेलेविज़न चैनल के साप्ताहिक कार्यक्रम ‘ऑक्तावा दियेस’ में 21 अक्तूबर रविवार को हुए संत घोषणा समारोह की चर्चा की जहाँ विश्व मिशन रविवार के दिन संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने सात लोगों को प्रभु की बलि वेदी अर्पित कर संत बनाया।

वाटिकन प्रवक्ता ने कहा कि एशिया, यूरोप, अफ्रीका, अमेरिका और प्रशांतसागरीय क्षेत्र (ओसियाना) के धर्मसमाजी स्त्री पुरुष और लोकधर्मियों को संत पापा ने संत घोषित किये हैं।
काथलिक कलीसिया में संत अपने समुदाय के लिये और ख्रीस्तीय विश्वास के सबसे उत्तम साक्ष्य हैं। उनका जीवन जीवित और दुनिया में कार्यरत येसु मसीह का सबसे अच्छा नमुना है। आज हम ईश्वर को उनके जीवन के लिये धन्यवाद दें जिन्होंने सुसमाचार की चमत्कारिक शक्ति से लोगों के जीवन को बदल डाला।
फादर लोमबारदी ने कहा कि संतों के बिना सुसमाचार का प्रचार प्रभावपूर्ण नहीं हो सकता है।
फादर ने कहा कि विश्व के विभिन्न भागों में विभिन्न संतो ने अपना योगदान दिया। एक येसुसमाजी पुरोहित मडागास्कर में धर्मप्रचार करते हुए शहीद हुए, तो दूसरी ओर एक युवा फिलीपिनो कैटेकिस्ट या धर्मप्रचारक पेदरो ने ख्रीस्तीय विश्वास के लिये अपना लहू बहाया।
उधर मूल अमेरिकी आदिवासियों के बीच किये गये धर्मप्रचार की पहली संत कातेरी तेकाक्विथा भी कलीसिया के लिये एक अनुपम वरदान है।
उन्होंने कहा आज हमें ज़रूरत है संतों की ताकि हम ईश्वरीय आनन्द और आशा की प्राप्त कर सकें। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि नये सुसमाचार प्रचार के लिये कलीसिया को और संत प्राप्त होंगे।









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