2012-10-18 16:34:22

यूरोप महाद्वीप के लिए संत पापा की आशा के तीन कारण


वाटिकन सिटी 18 अक्तूबर 2012 (वीआरवर्ल्ड) धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के लिए सोमवार संध्या वाटिकन में बेल्स ओफ यूरोप नामक डोक्यूमेंटरी फिल्म का प्रदर्शन किया गया जिसमें दिये गये साक्षात्कार में संत पापा बेनेडिक्ट सोलहवें ने यूरोप महाद्वीप के लिए आशा के तीन प्रमुख कारणों को बताया है। बेल्स ओफ यूरोप शीर्षक से निर्मित डोक्यूमेंटरी फिल्म में ईसाईयत, यूरोपीय संस्कृति तथा यूरोप महाद्वीप के भविष्य इन तीनों के मध्य संबंध पर प्रकाश डाला गया है। फिल्म में यूरोप के प्रमुख ईसाई धार्मिक नेताओं- संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें, कलीसियाई एकतावर्द्धक आर्थोडोक्स प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमियो प्रथम, मास्को के प्राधिधर्माध्यक्ष किरील, आंगलिकनों के धर्मगुरू कैंटरबरी के महाधर्माध्यक्ष रोवान विलियम्स, जर्मनी में एवांजेलिक चर्चो के संघों के भूतपूर्व अध्यक्ष सहित राजनीति और संस्कृति जगत की प्रमुख हस्तियों के अद्वितीय मौलिक साक्षात्कारों के अंशों को शामिल किया गया है।

संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अपने साक्षात्कार में कहा कि आशा का पहला कारण है ईश्वर की इच्छा, ईश्वर की खोज जो हम मानव के दिल में लिखी गयी है जो समाप्त नहीं हो सकती है।यह वैसा ही सच है जैसा कि संत अगुस्टीन के कहा कि हम जबतक ईश्वर को नहीं पा लेते हैं तबतक बेचैन रहते हैं। यह परवाह आज भी है। यह आशा है कि मानव बारम्बार और आज भी, इस तरह से ईश्वर की ओर उन्मुख है।

संत पापा ने कहा कि उनकी आशा का दूसरा कारण है येसु ख्रीस्त का सुसमाचार। सत्य समय के साथ पुराना नहीं होता। सुसमाचार सत्य है और इसलिए यह समाप्त नहीं होता। इतिहास के सब काल में मानव ह्दय की जरूरतों को पूरा करने के लिए इसके नये नये आयाम सामने आते रहते हैं। और इसी कारण से उनका दृढ़मत है कि ईसाईयत के लिए भी नया वसंतकाल है।

संत पापा ने कहा कि यूरोप महाद्वीप के लिए उनकी आशा का तीसरा कारण है कि हम देखते हैं कि युवाओं में यह परवाह काम कर रही है। मानव की सृष्टि शाश्वत के लिए हुई है। जो कुछ भी सीमित है वह बहुत कम है और इसलिए युवा पीढी में पुनः यह चिंता फिर से जाग रही है और वे अपनी यात्रा आरम्भ कर रहे हैं। मानवशाश्6 दिखायेगा कि ईसाईयत में हमेशा नवीन जागरूकता होगी और तथ्य इस बात की एक शब्द में पुष्टि करते हैं वह है- गहरी बुनियाद या मजबूत नींव। यह सत्य है और सत्य का हमेशा भविष्य है।
" बेल्स ओफ यूरोप " नामक इस डोक्यूमेंटरी फिल्म का निर्माण करने का विचार वाटिकन टेलिविजन केन्द्र के येसु समाजी पुरोहित फादर जेरमानो मारानी का था। इसे बनाने के लिए ग्रेगोरियन फाउंडेशन, राई सिनेमा सहित अन्य संस्थानों ने सहायता की।








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