2012-10-18 16:37:47

गरीबी उन्मूलन का अंतरराष्ट्रीय दिवस


न्यूयार्क 18 अक्तूबर 2012 (वी आर अंग्रेजी) 17 अक्तूबर को गरीबी उन्मूलन अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाया गया। इस दिवस के लिए जारी अपने संदेश में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने कहा कि गरीबी की भर्त्सना करना आसान है लेकिन इसके खिलाफ संघर्ष करना कठिन है। उन्होंने कहा कि जो लोग भूख, जरूरत और अमर्यादा के कारण पीडा सह रहे हैं उन्हें सहानुभूतिपूर्ण शब्दों से कुछ अधिक चाहिए। उन्हें ठोस सहायता और समर्थन की जरूरत है। इस वर्ष हम गरीबी उन्मूलन का अंतरराष्ट्रीय दिवस ऐसे समय में मना रहे हैं जब अनेक देशों में आर्थिक मितव्ययिता का दौर है। सरकारें अपने बजट में संतुलन लाने के लिए संघर्ष कर रही हैं तो गरीबी उन्मूलन के उपायों के लिए धन की व्यवस्था करना खतरे में है। लेकिन यही समय है कि गरीबों के लिए उपल्बध कराया जाये ताकि सामाजिक सेवाओं, आय सुरक्षा, मर्यादापूर्ण काम तथा सामाजिक संरक्षण तक उनकी पहुँच हो। और तब ही हम और अधिक मजबूत तथा समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं न कि गरीबों की कीमत पर बजट संतुलन करें।

उन्होंने कहा कि सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों ने विश्व स्तर के कार्यों को गति प्रदान किया है जिससे महान प्रगति हुई है। हमने घोर निर्धनता में पचास फीसदी की कमी लायी गयी है तथा प्राथमिक शिक्षा में लिंग असंतुलन में सुधार आया है क्योंकि अब जितनी संख्या में लड़के प्राथमिक विद्यालय जा रहे हैं उतनी ही संख्या लड़कियों की भी है। अनेक समुदायों को अब शुद्ध पेयजल मिल रहा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश करने के कारण लाखों लोगों के जीवन को बचाया जा सका है।
महासचिव बान की मून ने कहा कि ये उपलब्धियाँ अधिक समावेशी, समृद्ध और धारणीय विश्व की ओर अग्रसर होने को प्रतिबिम्बित करती हैं लेकिन एक अरब से अधिक लोग अब भी गरीबी में जीवन जी रहे हैं, भोजन शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के अधिकार से वंचित हैं। हमें उन्हें सक्षम बनाना है ताकि वे सही समाधान पा सकें। हमें कोई कसर बाकी नहीं छोड़नी चाहिए ताकि सब देश 2015 तक सह्रसाब्दि विकास के लक्ष्यों को हासिल कर सकें। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा धारणीय विकास पर जून माह में आयोजित कांफ्रेंस में विश्व के विभिन्न देशों के नेताओं ने कहा कि गरीबी उन्मूलन करना आज के विश्व के सामने सबसे बडी वैश्विक चुनौती है।

महासचिव बान की मून ने कहा कि विश्व तथा लोगों द्वारा सामना की जा रही चुनौतियों और असमानताओं का सामना करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ सन 2015 के बाद के लिए विकास का फ्रेमवर्क तैयार कर रहा। हमारा लक्ष्य साहसी और महत्वकाँक्षी फ्रेमवर्क तैयार करना है जो पूर्णबदलाव लानेवाले परिवर्तनों को बढावा दे जिससे अभी और आनेवाली पीढी को लाभ मिले।







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