वाटिकन सिटीः धर्मसभा में चीनी धर्माध्यक्ष ने कहा उत्पीड़न के बावजूद चीनी कलीसिया निष्ठावान
वाटिकन सिटी, 17 अक्टूबर सन् 2012 (सेदोक): वाटिकन में जारी विश्व के काथलिक धर्माध्यक्षों
की धर्मसभा में मंगलवार को चीन के धर्माध्यक्ष लूकस जिंगफेंग के साक्ष्य को धर्मसभा के
आचार्यों के समक्ष पढ़ा गया। फेंगजियांग के धर्माध्यक्ष लूकस जिंगफेंग धर्मसभा में
उपस्थित नहीं हो सके किन्तु उन्होंने अपना सन्देश प्रेषित कर कहा कि विगत 50 वर्षों के
दमन चक्र एवं उत्पीड़न के बावजूद चीन की कलीसिया निष्ठावान रही है तथा अपने कार्यों द्वारा
प्रभु ख्रीस्त के सुसमाचार का साक्ष्य देती रही है। मंगलवार प्रातः की सभा के आरम्भ
में धर्मसभा के सचिव महाधर्माध्यक्ष निकोला एत्तेरोविच ने चीनी धर्माध्यक्ष का सन्देश
पढ़ा। 90 वर्षीय चीनी धर्माध्यक्ष लूकस जिंगफेंग ने 20 वर्ष चीनी जेलों में काटे
हैं। सन् 1979 ईं में, उनके बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण उन्हें रिहा किया गया था। सन्देश
में धर्माध्यक्ष लूकस जिंगफेंग ने लिखाः "धर्मसभा में भाग लेनेवाले आप सब धर्माध्यक्षों
को मैं बधाई देता हूँ तथा सन्त पेत्रुस की समाधि पर श्रद्धा अर्पित करता हूँ।" वे लिखते
हैं: किन्तु मैं अत्यन्त उदास हूँ इसलिये कि धर्मसभा में आप चीनी कलीसिया से किसी की
आवाज़ नहीं सुन पायेंगे। मैं कहना चाहता हूँ कि चीन की कलीसिया, विशेष रूप से, लोकधर्मी
विश्वासियों ने 50 वर्षों के उत्पीड़न के बावजूद शील, सच्चाई, ईमानदारी तथा आरम्भिक ख्रीस्तीय
धर्मानुयायियों के भक्तिभाव को बनाये रखा है।" आगे, पश्चिम जगत में व्याप्त धर्म
के प्रति उदासीनता पर शोक व्यक्त करते हुए धर्माध्यक्ष लिखते हैं: "मैं सर्वशक्तिमान्
प्रभु ईश्वर से आर्त याचना करता हूँ कि चीनी काथलिकों की निष्ठा एवं उनका विश्वास, विदेशों
में अनर्गल खुलेपन और स्वतंत्रता के परिणामस्वरूप उत्पन्न, अविश्वास एवं धर्म के प्रति
उदासीनता को अभिभूत कर सके।"