वाटिकन रेडियो हिन्दी प्रसारण सर्वेक्षण 2012 बुधवार 3 अक्तूबर
वाटिकन रेडियो हिन्दी प्रसारण सर्वेक्षण 2012
जवाब बीजराड चौहटन
बाड़मेर राजस्थान से कृपाराम कागा के
1. क्या आप वाटिकन रेडियो प्रसारण सुनते
हैं? यदि हाँ तो कैसे रेडियो से या इंटरनेट से
उतरः हम वेटिकन रेडियो प्रसारण
प्रति दिन सुनते है रेडियो से चूक जाएँ तो हम वेटिकन रेडियो के कार्यक्रम को इंटरनेट
पर सुनते हैं।
2. वाटिकन रेडियो की हिन्दी सेवा के बारे में आपके क्या विचार हैं?
उतरः
वाटिकन रेडियो की हिन्दी सेवा के बारे में हमारे विचार एवं सुझाव है कि वो अपनी वेबसाइट
को अलग ढंग से बनाए जिसमें प्रतिमाह श्रोताओं के पत्र प्रकाशित हों और प्रतिमाह एक प्रतियोगता
का आयोजन करे जिसमें विजेता श्रोता को रेडियो, घड़ी, टीवी, टाँर्च, कैमरा, मोबाइल दिया
जाए और बुधवार को श्रोताओ का पत्र कार्यक्रम ही होता है इसके अलावा शुक्रवार, रविवार
और मंगलवार को श्रोताओ के पत्र कार्यक्रम रखे, श्रोताओं के पत्र कार्यक्रम की अवधि बढाए
और प्रतिमाह श्रोताओं से टेलिफोन वार्ता भी करे।
3. वाटिकन रेडियो से प्रसारित
नियमित कार्यक्रम- रविवारीय देवदूत प्रार्थना के पाठ से पूर्व दिया जानेवाला संत पापा
का संदेश, बुधवारीय आमदर्शन समारोह पर संत पापा की धर्मशिक्षा, कलीसियाई दस्तावेज एक
अध्ययन, पवित्र धर्मग्रंथ बाइबिल एक परिचय, समसामयिक चर्चा, रविवारीय आराधना धर्मविधि
चिंतन, युवा कार्यक्रम नई दिशाएं (लघु चर्चाएँ और साक्षात्कार) तथा चेतना जागरण के तहत
प्रसारित नाटकों के बारे में आपकी क्या राय है?
उतरः रविवारीय देवदूत प्रार्थना
पर कार्यक्रम अच्छे लगते हैं। चेतना जागरण कार्यक्रम समाप्त करें। युवा कार्यक्रम नई
दिशाए कार्यक्रम को वेब पर लोड करें। कलीसिया दस्तावेज कार्यक्रम से श्रोताओ को ऊर्जा
मिलती है। पवित्र ग्रंथ बाइबिल कार्यक्रम की अवधि पर बदलाव लाएँ।
4. प्रतिदिन
भेजे जानेवाले वाटिकन रेडियो हिन्दी ई समाचार में प्रकाशित विश्व और कलीसियाई समाचारों
से आपको किस प्रकार का लाभ मिलता है? इस सेवा का उपयोग आप अपने जीवन और काम अथवा प्रेरिताई
और प्रार्थना में किस प्रकार करते हैं ?
उतरः प्रतिदिन भेजे जा रहे वेटिकन इ समाचार
से हम श्रोताओं को विश्व की जानकारी मिलती है। जैसे समाचार पढे, गीत सुने और रंगीन तस्वीर
देखे तो वेटिकन रेडियो हमारे लिए लाभ देता है। हम अपने जीवन में प्रार्थना करते है कि
हम सबको प्रभु शान्ति में रखे, सब को अच्छे फल प्रदान करें।
5. भारत विभिन्न धर्मों
और संस्कृतियों वाला देश हैं। आपके विचार से हिन्दी भाषी श्रोताओं और पाठकों के धार्मिक
विश्वास और आस्था को बढाने के लिए वाटिकन रेडियो की हिन्दी सेवा की क्या भूमिका है?
उतरः
भारत मे अधिकांश हिन्दु धर्म माननेवाले निवास करते हैं। वेटिकन रेडियो की भूमिका है कि
वो सभी धर्मों के लोगों और श्रोताओं को अच्छे प्रोग्राम, गीत सुनाने के साथ कार्यक्रमों
पर प्रतिक्रियाएँ देने के लिए मौका देता है।
6. ईसाई धर्म के श्रोता और पाठक कृपया
बतायें कि वाटिकन रेडियो हिन्दी सेवा की विभिन्न सेवाओं से निजी, पारिवारिक और सामुदायिक
स्तर पर आपको क्या और कैसा लाभ हो रहा है?
उतरः ईसाई धर्म के पाठक और श्रोताओं
को वेटिकन रेडियो की विभिन्न सेवाओं से होता है। जैसे पारिवारिक और सामुदायिक स्तर पर
हम श्रोताओं को अनेक प्रकार का लाभ हुआ है। प्रभु से प्रार्थना करना सीखा। हमें स्टीकर
भी मिलता है।
7. क्या आप वाटिकन रेडियो प्रसारण, वाटिकन वेबसाइट, वाटिकन रेडियो
हिन्दी ब्लाग, वाटिकन रेडियो हिन्दी ई समाचार या वाटिकन भारती पत्रिका के बारे में दूसरों
को जानकारी देते हैं ? क्या आप उन्हें वाटिकन रेडियो श्रोता मंडली में शामिल होने, पत्र
लिखने या ई मेल भेजने के लिए प्रोत्साहन देते हैं?
उतरः हमने वाटिकन रेडियो
की वेबसाइट के बारे में अनेक श्रोताओं को बताया है। मेरे गाँव में मैंने 80 लोगों को
जोड़ा है। इसके अलावा 5 गाँव मे भी श्रोताओं को बताया है। वो श्रोता कहते है क्या हमें
वेटिकन रेडियो साम्रगी भेजेगा और उन श्रोताओं को ईमेल भेजने को कहा है तो वो श्रोता कहते
हैं वेटिकन रेडियो क्विज खोलेगा तो हम पत्र लिखेंगे।
8. वाटिकन रेडियो के हिन्दी
विभाग के साथ नियमित सम्पर्क बनाने और संवाद करने के लिए आप प्रतिमाह कितनी बार ई मेल
या पत्र भेजते हैं?
उतरः वेटिकन रेडियो से नियमित सर्म्पक बनाने लिए मै प्रतिमाह
7 ई मेल भेजता हूँ। 9. श्रोताओं के ई मेल का जवाब देने में मुख्यालय के कार्य से क्या
आप संतुष्ट हैं?
उतरः श्रोताओं का इमेल का जवाब देने मे हम खुश हैं।
10.
वाटिकन रेडियो हिन्दी ई समाचार पानेवाले पाठकों की संख्या बढ़ी है लेकिन पत्र लिखने और
ई मेल भेजनेवाले श्रोताओं की संख्या में बहुत भारी कमी आयी है। क्या श्रोताओं के पत्र
कार्यक्रम को बंद कर दिया जाये?
उतर: आप श्रोताओं के पत्र कार्यक्रम बंद न
करें। आप वेबसाइट पर इंटरनेट प्रतियोगिता रखें तो श्रोता अधिक ई मेल पत्र लिख सकते हैं।