नया सुसमाचार प्रचार अर्थात् येरूसालेम की कलीसिया की ओर लौटना
वाटिकन सिटी, 15 अक्तूबर, 2012 (वीआर, अंग्रेज़ी) पैट्रियार्क फाउद त्वाल ने कहा स "नये
सुसमाचार प्रचार का अर्थ है येरूसालेम की आरंभिक कलीसिया के नींव की ओर वापस लौटना।"
उन्होंने
उक्त बात उस समय कही जब उन्होंने शनिवार 13 अक्तूबर को वाटिकन रेडियो को एक साक्षात्कार
दिया।
पैट्रियार्क ने कहा, "मैने धर्माध्यक्षों की सभा को संबोधित करते हुए कहा
कि काथलिक कलीसिया का सब कुछ येरूसालेम में हुआ, येरूसालेम से ही शुरु हुआ और इसलिये
हमें चाहिये की एक सच्चे, अच्छे और प्रभावकारी नये सुसमाचार प्रचार के लिये हम प्रथम
ख्रीस्तीय समुदाय से सीखें।"
रोम में वाटिकन रेडियो को दिये अपने साक्षात्कार
में पैट्रियार्क फाउद ने कहा कि कलीसिया की कोई भी महत्वपूर्ण घटना का आरंभ येरूसालेम
से ही होना चाहिये, येरूसालेम से ही आगे बढ़ना चाहिये ताकि यह सच्चा और सुदृढ़ कलीसिया
बन सके।
पैट्रियार्क ने की धर्माध्यक्षों की महासभा (सिनॉद) के सदस्यों को उन्होंने
आमंत्रित किया और कहा, " धर्माध्यक्ष अपने सेमिनेरियनों, पुरोहितों और अपने समुदाय के
साथ येरूसालेम आयें और येरूसालेम के जीवित पत्थर को देंखें। हमारे साथ प्रार्थना
करें। आज प्रार्थना की ज़रूरत है ताकि हम प्रार्थना पर भरोसा करना सीखें।"
उन्होंने
कहा कि विभिन्न कठिनाइयों के बावजूद मध्यपूर्व की कलीसिया ने अपनी सीमा क्षेत्र से बाहर
निकलना उचित समझा। उन्होंने कहा, "मजबूत विश्वास और सुसमाचार को चाहिये कि वह सबके लिये
खुला रहे और सेतु का निर्माण करे दीवार का नहीं।"
पैट्रियार्क (प्राधिधर्माध्यक्ष)
त्वाल ने कहा, "मध्यपूर्व की कलीसिया जिन समस्याओं का सामना कर रही है उसमें अन्य कलीसिया
के सदस्य और धर्माध्यक्ष एक साथ है। हमारे दिल भयभीत हैं पर यह हमें एक-दूसरे से अलग
रखने का कोई बहाना न बने। इसीलिये धर्माध्यक्ष चाहते हैं कि वे विश्वासियों के साथ रहें,
उनकी रक्षा करें और उनके विश्वास को सुदृढ़ करें।"