वाटिकन सिटी, 11 अक्टूबर सन् 2012 (सेदोक): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के
प्राँगण में, गुरुवार 11 अक्टूबर को, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें के नेतृत्व में, काथलिक
कलीसिया के विश्वास वर्ष का शुभारम्भ एक भव्य ख्रीस्तयाग द्वारा किया गया। गौरतलब है
कि विश्वास वर्ष का आरम्भ द्वितीय वाटिकन महासभा के आरम्भ होने की 50 वीं वर्षगाँठ के
दिन किया गया।
ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन करते हुए संत पापा ने कहा कि आज यदि
कलीसिया विश्वास के वर्ष का प्रस्ताव करती है तो यह वर्षगाँठ का सम्मान करने के लिए नहीं
लेकिन पचास वर्ष पहले से कहीं अधिक आज इसकी जरूरत है। इस जरूरत का जो जवाब देना है वह
है जिसकी कामना संत पापाओं और धर्माचार्यों ने की तथा दस्तावेजों में है। नवीन सुसमचार
प्रचार के लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति की पहल को भी विश्वास के वर्ष में इसी संदर्भ
में देखा जाना चाहिए।
संत पापा ने कहा कि हाल के दशकों में आध्यात्मिक अनुर्वरता
या मरूस्थलीकरण में वृद्धि हुई है। द्वितीय वाटिकन महासभा के समय में इतिहास के पन्नों
को पलटकर देखना संभव था कि ईश्वर के बिना जीवन या संसार कैसा दिखाई देगा लेकिन अभी हम
इसे अपने चारों ओर प्रतिदिन देख रहे हैं। यह खालीपन बढा है। लेकिन इस मरूस्थलीय खालीपन
के अनुभव से आरम्भ कर हम पुनः विश्वास करने के आनन्द तथा नर नारी के लिए इसकी अनिवार्य
मह्त्ता की पुर्नखोज कर सकते हैं। आज के संसार में ईश्वर के लिए प्यास तथा जीवन के चरम
अर्थ को पाने की जिज्ञासा बहुधा व्यक्त की जाती है। मरूस्थल में विश्वासी लोगों की जरूरत
है जो अपने जीवन से प्रतिज्ञात भूमि की ओर के पथ को इंगित करें और आशा को जीवित रखें।
विश्वास को जीना दिल को ईश्वर की कृपा के लिए खोलता है और हमें निराशावाद से मुक्त करता
है। आज सुसमाचार प्रचार का अर्थ नये जीवन का साक्ष्य देना है जो ईश्वर के द्वारा पूर्ण
परिवर्तित हुआ है तथा पथ दिखा रहा है। संत पापा ने कहा कि विश्वास वर्ष आज के संसार
के मरूस्थल में तीर्थयात्रा है। हमें वही साथ ले जाना है जो वास्तव में जरूरी है अर्थात
सुसमाचार और कलीसिया का विश्वास जिसकी प्रकाशमान अभिव्यक्ति द्वितीय वाटिकन महासभा के
दस्तावेज हैं तथा 20 वर्ष पूर्व प्रकाशित काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा है। 11 अक्तूबर
1962 को ईशमाता पवित्रतम कुँवारी माता मरिया का पर्वदिवस था। विश्वास के वर्ष को हम उनकी
मध्यस्थता के सिपुर्द करें जैसा कि मैंने पिछले सप्ताह लोरेटो की तीर्थयात्रा को दौरान
किया। नवीन सुसमाचार प्रचार के पथ में मरियम हमेशा चमकता तारा बनें। काथलिक कलीसिया द्वारा
विश्वास का वर्ष 11 अक्तूबर 2012 से लेकर 24 नवम्बर 2013 तक मनाया जायेगा।