वाटिकन सिटीः कार्डिनल ग्रेशियस ने एशिया महाद्वीप पर धर्मसभा में प्रस्तुत की रिपोर्ट
वाटिकन सिटी, 10 अक्टूबर सन् 2012 (सेदोक): मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति तथा एशियाई काथलिक
धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के संघ के महासचिव, कार्डिनल ऑसवल्ड ग्रेशियस ने, मंगलवार को
वाटिकन में जारी विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में एशिया महाद्वीप की रिपोर्ट प्रस्तुत
की। कार्डिनल महोदय ने कहा, "एशिया महाद्वीप के ख्रीस्तीय अपने विश्वास में अनवरत
सुदृढ़ हो रहे हैं तथा नवीनीकरण का अनुभव कर रहे हैं।" एशिया महाद्वीप की समृद्ध संस्कृति
के सन्दर्भ में कार्डिनल ग्रेशियस ने तीन महान चुनौतियों की ओर ध्यान आकर्षित कराया।
उन्होंने कहा, "हमें विविध संस्कृतियों के साथ वार्ता की ज़रूरत है, निर्धनों के साथ
सम्वाद की आवश्यकता है तथा विभिन्न धर्मों के लोगों के साथ अन्तरधार्मिक वार्ताओं को
बढ़ावा देने की नितान्त आवश्यकता है।" उन्होंने कहा कि इन तीन वास्तविकताओं के परिप्रेक्ष्य
में सुसमाचार उदघोषणा के आदेश का अनुपालन किस प्रकार किया जाये यह समझना अनिवार्य है।
वर्तमान जगत के समक्ष उत्पन्न समस्याओं में उन्होंने वैश्वीकरण को एक गम्भीर चुनौती
बताया। कार्डिनल महोदय ने कहा कि वैश्वीकरण के साथ साथ एशियाई देशों में उपभोक्तावाद,
भौतिकतावाद, वैयक्तिकवाद तथा सापेक्षवाद को बढ़ावा मिला जिससे, विशेष रूप से, युवा पीढ़ी
प्रभावित हुई है। उन्होंने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि आर्थिक विकास के नाम पर
आरम्भ वैश्वीकरण अब एशियाई महाद्वीप में मूलभूत मानवीय मूल्यों के निकाय को प्रभावित
कर रहा है जिससे एशिया की नेक परम्पराएँ एवं संस्कृति भ्रष्ट हो रही है।