वाटिकन सिटी, 6 अक्तूबर, 2012 ( वीआर, अंग्रेज़ी) नये सुसमाचार प्रचार पर रविवार 7 अक्तूबर
से आरंभ होनेवाली धर्माध्यक्षों की 13वीं आम सभा में प्रतिनिधियों की संख्या अब तक होने
वाली सभाओं से सबसे बड़ी होगी, इसमें 400 सदस्य होंगे।
विदित हो कि संत पापा
पौल षष्टम् ने सन् 1965 में सिनॉद की स्थापना की थी। रविवार को उद्धाटित होने वाली सिनॉद
में 262 सिनॉद फादर्स होंगे।
उक्त बात की जानकारी देते हुए धर्माध्यक्षों के सिनॉद
के महासचिव महाधर्माध्यक्ष निकोला एतेरोविक ने बतलाया कि सिनॉद की विषयवस्तु है "ख्रीस्तीय
विश्वास के प्रचार के लिये नया सुसमाचार।"
उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि
सिनॉद में एशिया से 39 धर्माध्यक्ष, यूरोप से 103, अमेरिका से 63, अफ्रीका से 50 और ओसियाना
से 7 धर्माध्यक्ष हिस्सा लेंगे।
महाधर्माध्यक्ष ने जानकारी दी कि सिनॉद के सदस्यों
में 182 सदस्यों की नियुक्ति विश्व धर्माध्यक्षीय समिति और सुपीरियर जेनरलों के अन्तरराष्ट्रीय
यूनियन द्वारा की गयी है।
सिनॉद के सदस्यों में 6 पैट्रियार्क, 49 कार्डिनल 3
मेजर आर्चबिशप जिसमें एक कार्डिनल हैं 120 धर्माध्यक्ष और 14 पुरोहित शामिल हैं।
मनोनीतों,
चयनीतों और एक्स ओफिसियो सिनॉद प्रतिनिधियों के अलावा 15 सदस्य इसमें हिस्सा लेंगे जो
अन्य ख्रीस्तीय कलीसियाओं के सदस्य होंगे। इस विशेष सभा को सुचारु रूप से चलाने के लिये
कई अन्य विशेषज्ञ, सचिव, विशेष आमंत्रित सहयोगी सहायक ऑडिटर्स और मीडियाकर्मी भी सभी
में हिस्सा लेंगे।
यह भी मालूम हो कि रविवार 7 अक्तूबर को संत पेत्रुस महागिरजाघर
के प्रांगण में होने वाले समारोही यूखरिस्तीय बलिदान में विशेष सिनॉद का उद्धाघन सम्पन्न
हो जायेगा।
इसी समारोह में 16वीं शताब्दी के स्पेननिवासी पुरोहित और ‘मिस्टिक’
संत जोन दे अविला और 12वीं सदी के बेनदिक्त मठाधीश संत हिल्देगार्द ऑफ बिनजेन को सार्वभौमिक
कलीसिया का ‘डॉक्टर या आचार्य’ भी घोषित किया जायेगा।