सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक स्थलों के लिए सुरक्षा को बढाने का आदेश दिया
ढाका बांग्लादेश 4 अक्तूबर 2012 (ऊकान) बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने बौद्ध और हिन्दु
समुदायों पर हमलों की श्रृंखला को देखते हुए देश भर में प्रार्थालयों के समीप सुरक्षा
व्यवस्था को बढाने का गृह मंत्रालय और पुलिस प्रमुख को आदेश दिया है। हाल के प्रकरण में
एक बौद्ध द्वारा पाक कुरान जलाने की तस्वीर फेसबुक में डाले जाने के बाद चित्तगौंग और
कोक्स बाजार जिलों में शनिवार और रविवार को हुई हिंसा में 19 मंदिरों, 100 मकानों तथा
अनेक दुकानों में आग लगाते हुए इन्हें नष्ट कर दिया गया।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका
दायर करनेवाले वकील युनूस अली अकंद ने कहा कि देश के संविधान के अनुसार हर नागरिक और
धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा सुनिश्च्ति है। अल्पसंख्यकों के खिलाफ हाल की हिंसा दिखाती
है कि वे कितने असहाय हैं और उन्हें सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों
के अधिकारों की रक्षा करने में सरकार लगातार विफल होती रही है। इसी वर्ष फरवरी माह में
चित्तगौंग जिले में तथा सितम्बर माह में दिनाजपुर जिले में हिन्दु समुदाय के खिलाफ दो
बडे नफरत पर आधारित ङमले किये गये थे। मुसलमानों की भीड़ द्वारा दर्जनों हिन्दु मंदिरों
और घरों को आग लगा दिय गया था। हिंसा का आयोजन करने के लिए चरमपंथी मुसलमानों पर दोषारोपण
करते हुए कुछ लोगों पर अदालत में मुकदमा दायर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते
हुए अधिकारियों से एक सप्ताह के अंदर बताने को कहा है कि हिंसा पर और अधिक शीघ्रता से
रोक लगाने में कानून व्यवस्था विभाग क्यों विफल रहा।
काथलिक धर्मप्रांतीय पुरोहित
और ढाका विश्वविद्यालय में वर्ल्ड रेलिजन के प्रोफेसर फादर तपन दि रोजारियो ने अदालत
के निर्देश का स्वागत करते हुए कहा कि धार्मिक सौहार्द को बनाये रखना ही हिंसा के खिलाफ
सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा है। अदालत के आदेश के कारण उनकी आशा है कि प्रशासन पहले से कहीं
अधिक ईमानदार होगा लेकिन सच्ची सुरक्षा तो दिल के अंदर से ही आनी चाहिए।
बांग्लादेश
में देश की आबादी का 90 फीसदी मुसलमान हैं तथा अधिकाँश लोग इस्लाम के मध्यम मार्ग का
अनुसरण करते हैं तथापि सन 2001 से देश में सशस्त्र चरमपंथियों के द्वारा की जा रही हिंसा
में वृद्धि हुई है जब धार्मिक अल्पसंख्यक मुख्यरूप से हिन्दु समुदाय के खिलाफ अनेक हमले
हुए हैं। सन 2001 में दक्षिणपंथी बांग्लादेश नेशनल पार्टी सत्ता में हैं और इसने चरमपंथी
इस्लामिक पार्टियों के साथ गठबंधन किया है। इसने शुरू में सशस्त्र चरमपंथियों की उपस्थिति
से इंकार किया लेकिन मीडिया जगत में प्रचार होने के बाद दो इस्लामिक सशस्त्र समूहों पर
पाबंदी लगा दी तथा इसके उच्च पदस्थ नेताओं की गिरफ्तारी भी की गयी है।