धर्माध्यक्षों की धर्मसभा में अंकेक्षक के रूप में शामिल होने के लिए भारतीय धर्मबहन
आमंत्रित
पुणे भारत 28 सितम्बर 2012 (ऊकान) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रोम में अगले माह सम्पन्न
होनेवाले धर्माध्यक्षों की धर्मसभा में भाग लने के लिए एक भारतीय काथलिक धर्मबहन को आमंत्रित
किया है। रेलिजियस औफ द असम्पशन ओफ द इंडियन प्रोविंस की प्रोविंशियल सुपीरियर सिस्टर
रेखा एम चेन्नाटु ने ऊकान समाचार सेवा से कहा कि संत पापा ने उन्हें धर्मसभा के अनेक
आडिटरों या अंकेक्षकों में से एक नियुक्त किया है।
विश्व के धर्माध्यक्षों की
13 वीं सामान्य आमसभा - द न्यू एवांजलाईजेशन फोर द ट्रांसमिशन ओफ द क्रिश्चियन फेथ अर्थात्
ख्रीस्तीय विश्वास के प्रसार के लिए नवीन सुसमाचार प्रचार शीर्षक के तहत 7 से 28 अक्तूबर
तक रोम में सम्पन्न होगी।
धर्मबहन रेखा ने कहा कि भारतीय धर्मसमाजी महिला और
बिबलिकल स्कोलर तथा ईशशास्त्री होने के नाते भारतीय परिप्रेक्ष्य से धर्मसभा के विचार
विमर्शों और बहसों में सहभागी होना उनके लिए एक विशेष कृपा और जिम्मेदारी है। धर्मबहन
रेखा पुणे स्थित ज्ञानदीप विद्यापीठ जो एक परमधर्मपीठीय यूनिवर्सिटी है इसमें नये व्यवस्थान
की पहली महिला प्रोफेसर हैं। उन्होंने कहा कि वे भारत के बहु धार्मिक और बहुसांस्कृतिक
संदर्भ में नवीन सुसमाचार प्रचार के विचार को लागू करने और इसकी समझ पर स्पष्टता पाने
की खोज करेंगी। उन्होंने कहा कि जो आडिटर या अंकेक्षक के रूप में धर्मसभा में सहभागी
होंगे उन्हें छोटे भाषा समूह में या फिर प्लेनरी सेशन्स में अपने विचार व्यक्त करने का
अवसर मिलता है।
इंडियन वीमेन थियोलोजिनयस फोरम और इंडियन बिबलिकल स्कोलर्स की
सदस्या धर्मबहन रेखा ने कहा कि धर्म के प्रति उदासीनता के संदर्भ में जो ईश्वर की उपस्थिति
तथा ब्रह्मांड की पवित्रता से इंकार करता है, जीवन को बढानेवाले तथा भावी पीढियों के
लिए आशा उत्पन्न करनेवाले ईसाई विश्वास की गतिशील और समृद्ध विरासत को संरक्षित रखने
के लिए रचनात्मक उपायों को पाना यथार्थ चुनौती है।