2012-09-24 12:37:17

काथलिकों ने हिन्दी फ़िल्म का विरोध किया


मुम्बई, 24 सितंबर, 2012 (कैथन्यूज़) मुम्बई के काथलिकों ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली हिन्दी फिल्म ‘कमाल, धमाल, मालामाल’ के प्रदर्शन को रोकने की अपील की है ।

उन्होंने कहा कि काथलिक समुदाय का फिल्म के प्रदर्शन को रोकेगी अगर फ़िल्म के वैसे भागों को न हटाया गया जिनमे काथलिकों और पुरोहितों को ‘असम्मानजनक’ तरीके से प्रस्तुत किया गया है।

डायरेक्टर प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित फ़िल्म को 28 सितंबर को रिलीज़ किया जाना है। काथलिक सेकुलर फोरम के फादर जोसेफ डायस ने कहा कि बॉलीवुड फ़िल्म में पुरोहितों को इस तरह से दिखाया जाना बॉलीवुड के घटिया स्तर को दिखाता है

मुम्बई महाधर्मप्रांत के प्रतिनिधि और काथलिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने 22 सितंबर को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फ़िल्म सर्टिफिकेशन के अध्यक्ष लीला सैमसन को एक ज्ञापन पत्र दिया फ़िल्मों के बारे में शिकायत की है।

फ़िल्म संबंधी शिकायत के ज्ञापनपत्र की एक प्रति सूचना एवं संचार मंत्री अंबिका सोनी और फ़िल्म सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पंकज ठाकुर को सौंप दिया गया है।

काथलिकों के प्रतिनिधिमंडल की सचिव जुदिथ मोन्तियेरो ने बताया कि उन्होंने ज्ञापन पत्र द्वारा फ़िल्म का विरोध किया है और माँग की है कि फ़िल्म के आपत्तिजनक दृश्यों तथा ऐसे भागों को हटाया जाये जिससे काथलिकों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचती है।

उन्होंने बतलाया कि फ़िल्म में काथलिक पुरोहित को गले में रोजरी और लॉटरी टिकटों की माला पहन कर चर्च के सामने नाचते हुए दिखलाया गया है।

फ़िल्म का मुख्य अभिनेता पवित्र जल का अनादर करता और फूलों के एक गुच्छे के साथ घूमते हुए दिखलाया गया है जिसमें ‘आइ लव यू’ लिखा है।










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