जिनिवाः संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन के प्रतिनिधि ने सिरिया की मदद का आह्वान
जिनिवा, 18 सितम्बर सन् 2012 (सेदोक): जिनिवा में संयुक्त राष्ट्र संघीय मानवाधिकार समिति
के 21 वें सत्र में, वाटिकन के प्रतिनिधि तथा परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष
सिलवानो थॉमासी ने सिरिया की मदद का आह्वान किया। महाधर्माध्यक्ष थॉमासी ने अन्तरराष्ट्रीय
समुदाय का आह्वान किया कि वह सिरिया में कई माहों से जारी संघर्ष के परिणामस्वरूप विस्थापित
हुए स्त्री-पुरुषों एवं बच्चों को मदद प्रदान की जाये। महाधर्माध्यक्ष महोदय हाल
में सिरिया पर एक स्वतंत्र अन्तरराष्ट्रीय आयोग द्वारा की गई जाँचपड़ताल की रिपोर्ट का
हवाला देकर कहा कि सिरियाई संघर्ष में लगभग 30,000 लोगों ने अपनी जानें गँवाई हैं जबकि
सिरिया के 12 लाख लोग विस्थापित हो गये हैं। उन्होंने कहा, "यह हिंसक संघर्ष मतभेदों
को सुलझाने हेतु युद्ध की व्यर्थता एवं असारता को दर्शाता है। यह उपयुक्त है कि संयुक्त
राष्ट्र संघीय मानवाधिकार समिति, मानवाधिकार के प्रोत्साहन एवं मानवतावादी विधान के प्रतिष्ठापन
हेतु पीड़ितों के परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखकर प्रस्ताव रखे।" उन्होंने कहा, "इस
संघर्ष से पीड़ित लोगों के मूलभूत अधिकारों का सम्मान वह रास्ता है जो मानव सम्बन्धों
का उपचार कर सकता तथा शांति की स्थापना कर सकता है, जो, समझौतों एवं लोकतंत्रवाद हेतु
लोगों की आकाँक्षाओं का रचनात्मक प्रत्युत्तर देने लिये अपरिहार्य है।" महाधर्माध्यक्ष
ने संयुक्त राष्ट्र संघ का आवान किया कि वह अपने स्वार्थ को अलग रखकर सिरिया तथा सम्पूर्ण
मध्यपूर्व के प्रति एकात्मता का प्रदर्शन करते हुए "हिंसा की समाप्ति हेतु राजनैतिक प्रक्रिया
को समर्थन दे।"