बैरूतः सन्त पापा की युवाओं से अपील, समस्याओं के बावजूद मध्यपूर्व से पलायन न करें
बैरूत, 16 सितम्बर सन् 2012 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने मध्यपूर्व के युवाओं
से अपील की है कि समस्याओं के बावजूद वे मध्यपूर्व से पलायन न करें। शनिवार को लेबनान
में बैरूत के निकटवर्ती बेरके स्थित मारोनी रीति की प्राधिधर्माध्यक्षीय पीठ के प्राँगण
में विस्तृत विशाल मैदान में एकत्र लेबनान तथा पड़ोसी देशों के लगभग 30,000 युवाओं को
सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अपना सन्देश दिया। उत्साह एवं उमंग से परिपूर्ण लेबनान
के युवाओं ने जयनारों के साथ अपने मध्य सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें का स्वागत किया। इन
युवाओं के समक्ष सन्त पापा ने पवित्रभूमि तथा मध्यपूर्व के अन्य देशों से ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों
के अप्रवास एवं पलायन को रोकने की अपील की। सन्त पापा ने कहा, "मध्यपूर्व के ख्रीस्तीयों
को इस बात पर गर्व होना चाहिये कि उन्होंने उस भूमि पर जन्म लिया है जहाँ प्रभु येसु
पैदा हुए थे तथा जहाँ ख्रीस्तीय धर्म का उदय हुआ था।" लेबनान के ख्रीस्तीय युवाओं से
उन्होंने आग्रह किया कि वे "आप्रवास की मीठी कडुवाहठ का स्वाद चखने के लिये उत्सुक न
रहें।" युवाओं के बीच लेबनान में मारोनी रीति के प्राधिधर्माध्यक्ष बेखारा राय ने
सन्त पापा के आदर में अभिवादन पत्र पढ़ा। इस अवसर पर उन्होंने सन्त पापा से कहा, "मध्यपूर्व
के ख्रीस्तीय युवा राजनैतिक एवं सामाजिक संकट की पीड़ा सह रहे हैं जो उनके विश्वास की
परीक्षा ले रही है।" प्राधिधर्माध्यक्ष ने कहा, "नित्य बढ़ते धार्मिक रूढ़िवाद एवं
अतिवाद की पृष्टभूमि में युवाओं की चिन्ताएँ सघन हो रहीं हैं क्योंकि धर्मान्धता न तो
भिन्न होने के अधिकार को मानती है और न ही अन्तःकरण या धर्म पालन की स्वतंत्रता में उसका
विश्वास है।" उन्होंने कहा यही कारण है कि लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये हिंसा की शरण
ली जा रही है।