हरिस्साः मध्यपूर्व के प्रेरितिक उदबोधन पर सन्त पापा ने किये हस्ताक्षर
हरिस्सा, 15 सितम्बर सन् 2012 (सेदोक): बैरूत के निकटवर्ती हरिस्सा स्थित सन्त पौल महागिरजाघर
में शुक्रवार सन्ध्या सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने मध्यपूर्व पर 2010 में सम्पन्न धर्माध्यक्षीय
धर्मसभा पर लिखे अपने प्रेरितिक उदबोधन पर हस्ताक्षर किये। ग़ौरतलब है कि सन्त पापा
बेनेडिक्ट 16 वें की तीन दिवसीय लेबनान यात्रा का प्रमुख उद्देश्य, अक्टूबर, सन् 2010
में, वाटिकन में सम्पन्न मध्यपूर्व की धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के प्रेरितिक उदबोधन की
प्रकाशना है। धर्मसभा में मध्यपूर्व के धर्माध्यक्षों द्वारा प्रकाश में लाई गई प्रेरितिक
उत्कंठाओं पर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अपने सुझाव रखें हैं तथा विभिन्न चुनौतियों
का सामना करने हेतु मार्गदर्शन दिया है। लेबनान के बीस लाख काथलिकों के लिये यह एक
ऐतिहासिक घटना है कि सन्त पापा ने अपने प्रेरितिक उदबोधन की प्रकाशना के लिये लेबनान
को चुना। वाटिकन रेडियो से बातचीत में लेबनान में मारोनी रीति के काथलिक प्राधिधर्माध्यक्ष
बेखारा राय ने कहा कि प्रेरितिक उदबोधन वर्तमानकालीन कठिन समय में, ईश्वर द्वारा प्रदत्त
वरदान है। उनके अनुसार इस दस्तावेज़ में सन्त पापा द्वारा मध्यपूर्व को दिया गया मार्गदर्शन
पुनर्मिलन एवं मैत्री की ओर ले जाने वाला हवा का नया झोंका सिद्ध हो सकता है। धर्मसभा
में धर्माध्यक्षों ने इसराएली-फिलीस्तीनी संघर्ष, इस्लामी रूढ़िवाद के उदय, मुसलमानों
तथा यहूदियों के साथ वार्ता, अत्याचारों के कारण लेबनान के ख्रीस्तीयों के पलायन, मध्यपूर्व
के देशों में व्याप्त सैन्य संघर्ष तथा आर्थिक संकट जैसे गम्भीर प्रश्नों पर अपने विचार
व्यक्त किये थे जिनपर सन्त पापा ने मार्गदर्शन दिया है।