रफीक हरीरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे पर संत पापा का सम्बोधन
बेरूत लेबनान 14 सितम्बर 2012 सेदोक, एपी) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें 14 से 16 सितम्बर
तक सम्पन्न होनेवाली लेबनान की तीन दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिए 14 सितम्बर को रोम
से प्रस्थान कर बेरूत पहुँचे। बेरूत स्थित रफीक हरीरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे में संत
पापा का लेबनानवासियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनके सम्मान में तोप से 21 गोले
दागे गये तथा लोगों ने जयनारे किये।
हवाई अडडे में निर्मित स्वागत मंच से लेबनान
के राष्ट्रपति के स्वागत संबोधन के बाद संत पापा ने लेबनान के राष्ट्रपति, राजनेताओं
और प्रशासनाधिकारियों धार्मिक अधिकारियों और जनता को उनके सहर्ष स्वागत के लिए धन्यवाद
देते हुए कहा कि वे लेबनान के राष्ट्रपति तथा धर्माध्यक्षों के निमंत्रण पर इस देश की
यात्रा पर हैं और यह निमंत्रण वे ससम्मान स्वीकार करते हैं।
संत पापा ने कहा
कि यह निमंत्रण उनके लेबनान आने के दो उद्देश्यों को व्यक्त करता है पहला- लेबनान तथा
होली सी के मध्य व्याप्त मधुर संबंध। लेबनान के राष्ट्रपति ने नवम्बर 2008 तथा फरवरी
2011 में रोम में संत पापा के साथ मुलाकात की थी जिसके 9 माह बाद लेबनान के प्रधानमंत्री
ने संत पापा के साथ मुलाकात की थी। दूसरी मुलाकात के समय संत मारोन की एक प्रतिमा को
आशीष देकर वाटिकन स्थित संत पेत्रुस बासिलिका के समीप रखा गया जो लेबनान का स्मरण कराता
है। यह दीर्घकालीन आध्यात्मिक विरासत को दर्शाता है जो प्रेरितों और उसके उत्तराधिकारियों
के प्रति लेबनानी जनता की श्रद्धा की पुष्टि करता है। संत पापा ने कहा कि उनकी यात्रा
का दूसरा महत्वपूर्ण कारण है प्रेरितिक उदबोधन पर हस्ताक्षर कर इसे मध्यपूर्व के धर्माध्यक्षों
को सौंपना।
संत पापा ने लेबनान तथा मध्य पूर्व के पड़ोसी देशों से आये सब धार्मिक
नेताओं का अभिवादन कर उनके माध्यम से पूरे क्षेत्र के ईसाईयों को सम्बोधित किया। संत
पापा ने कहा कि इन दिनों में वे विभिन्न काथलिक समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ मिल
सकेंगे और एकसाथ प्रार्थना करेंगे। धर्माधिकारियों की उपस्थिति, समर्पण और साक्ष्य बहुमूल्य
योगदान है जिसकी इस प्रिय देश के निवासी अपने दैनिक जीवन में बहुत सराहना करते हैं।
स्वागत स्थल पर उपस्थिति विभिन्न धार्मिक समुदायों के नेताओं और प्रतिनिधियों से संत
पापा ने कहा कि उनकी उपस्थिति सम्मान और सहयोग तथा परस्पर आदर को दर्शाती है जिसका आप
सब लोगों के मध्य प्रसार करना चाहते हैं। इस प्रयास के लिए वे उन्हें धन्यवाद देते हैं
तथा उनकी दृढ़ धारणा है कि वे एकता और सहयोग के पथ पर चलते रहेंगे।
संत पापा
ने कहा कि देश के जीवन को प्रभावित करनेवाली दुःखद घटनाओं को नहीं भूल सकते हैं लेकिन
लेबनानवासी जिस प्रकार सफलतापूर्वक एकसाथ जीवन जीते हैं यह सम्पूर्ण मध्यपूर्व तथा विश्व
को दिखाता है कि एक देश के अंदर विभिन्न कलीसियाओं के मध्य सहयोग तथा ईसाईयों और अन्य
धर्मों के विश्वासियों के मध्य सहअस्तित्व और सम्मानपूर्ण संवाद का अस्तित्व हो सकता
है। उन्होंने कहा कि यह संतुलन बनाये रखना बहुत नाजुक काम है और इसलिए तर्क और विवेक
की भी बहुत आवश्यकता है।
संत पापा ने कहा कि वे यहाँ बताने आये हैं कि प्रत्येक
व्यक्ति के जीवन में ईश्वर की उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। आतिथ्य सत्कार, परोपकार की
प्रवृत्ति तथा ईश्वर पर गहन रूप से जड जमाने पर ही सहअस्तित्व का स्वरूप बना रह सकता
है। लेबनान के सब निवासियों के समर्पण और सदइच्छा से ही लेबनानी समन्वयता सच्चाई बनना
जारी रह सकती है और यह सम्पूर्ण क्षेत्र तथा विश्व के लिए आदर्श के रूप में अपनी सेवा
देती रह सकेगी। यह केवल मानवीय काम नहीं अपितु ईश्वर का उपहार भी है इसके लिए समर्पण
और निरंतरता चाहिए।
संत पापा ने कहा कि लेबनान और संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी
के मध्य संबंध प्राचीन और गहरा है। वे लेबनान और मध्यपूर्व के सब देशों के लोगों के मध्य
शांति के तीर्थयात्री एवं ईश्वर तथा लोगों के मित्र रूप में आये हैं। इस क्षेत्र के सब
पीडितों को वे अपनी प्रार्थना में विशेष रूप से याद करते हैं।
अंत में, संत पापा
ने लेबनान के राष्ट्रपति और सब लेबनानवासियों को उनके सहर्ष आतिथ्य सत्कार के लिए धन्यवाद
देते हुए सब पर ईश्वरीय आशीष की कामना की।
बेरूत स्थित रफीक हरीरी अंतरराष्ट्रीय
हवाई अडडे में आयोजित स्वागत समारोह के अंत में संत पापा को गार्ड ओफ आनर दिया गया तथा
लेबनान के विशिष्ट प्रशासनिक अधिकारियों और धार्मिक नेताओं ने संत पापा से व्यक्तिगत
रूप से मिलकर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनका स्वागत किया।