2012-09-14 17:32:47

धार्मिक चरमपंथवाद धर्म का अन्यथाकरण


बेरूत लेबनान 14 सितम्बर 2012 (एपी) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें शुक्रवार 14 सितम्बर को लेबनान की राजधानी बेरूत पहुँचे। उन्होंने यात्रा करते समय पत्रकारों से कहा कि वे लेबनान की यात्रा करने के लिए भयभीत नहीं थे। सुरक्षा कारणों से इस यात्रा को रद्द करने का उन्होंने कभी सोचा ही नहीं और न ही किसी ने ऐसा करने का सुझाव दिया।

संत पापा ने कहा कि अरब स्प्रिंग या अरब वसंत ने दीर्घकाल से शासन कर रहे 4 तानाशाहों को पद से हटाया। यह और अधिक लोकतंत्र, और अधिक स्वतंत्रता और अधिक सहयोग और नवीकृत अरब अस्मिता के लिए लोगों की इच्छा को व्यक्त करता है। लेकिन साथ ही संत पापा ने चेतावनी दी कि और अधिक स्वतंत्रता का दबाव कहीं अन्य धर्मों के प्रति असहिष्णुता में न बदल जाये।

संत पापा ने धार्मिक चरमपंथ की निन्दा करते हुए इसे धर्म का अन्यथाकरण कहा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के पीडित असंख्य लोगों के लिए वे विशेष रूप से प्रार्थना करते हैं।

लेबनान का दौरा करनेवाले संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें तीसरे पोप हैं। उनके पहले संत पापा पौल षष्टम ने 1964 में तथा संत पापा जोन पौल द्वितीय ने 1997 में लेबनान का दौरा किया था। मध्यपूर्व के देशों में लेबनान में ही ईसाईयों की संख्या सबसे अधिक है। यहाँ की आबादी का लगभग 50 प्रतिशत ईसाई हैं।








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