कंधमाल के पीडितों ने उचित क्षतिपूर्ति देने की माँग की
दिल्ली 14 सितम्बर 2012 (ऊकान) भारत के ओडिशा राज्य के कंधमाल जिले में सन 2008 में
हुई ईसाई विरोधी हिंसा के शिकार हुए लोगों ने क्षतिपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए टास्क
फोर्स गठित किये जाने की माँग की है। न्याय, शांति और मानवाधिकार समिति के सचिव फादर
दिव्य पारीक्षा तथा नेशनल इंटीग्रेशन कौंसिल के सदस्य जोन दयाल ने इस संबंध में एक स्मार
पत्र कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी को सौंपा है। उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग
के अध्यक्ष न्यायमूर्ति के जी बालाकृष्णन तथा राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरपरसन
वजाहत हब्बीबुल्ला से भी मुलाकात की। स्मारपत्र में क्षतिपूर्ति, पुर्नवास, रोजगार से
जुड़ी कमियों तथा न्याय दिलाने में हो रहे विलम्ब को सूचीबद्ध किया गया है। कहा गया है
कि हिंसा के चार साल बीत जाने के बाद भी प्रभावितों को न्याय नहीं मिला है। पीड़ितों
ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से कहा है कि उन्हें व्यापक रूप से सहायता दिलाने के लिए
टास्क फोर्स का गठन करने हेतु वह राज्य सरकार को निर्देश दे। मृतकों की संख्या को
सूचीबद्ध करने में जिला प्रशासन की निष्क्रियता को भी स्मारपत्र में दर्शाया गया है।
अधिकारियों ने राहत शिविरों में प्लेग, डायरिया और मलेरिया के कारण मरनेवाले 27 व्यक्तियों
के नाम को मौत के कारण क्षतिपूर्तिपानेवालों की आधिकारिक सूची में शामिल नहीं किया है।
एक अनुमान के अनुसार लगभग 10 हजार लोग अपने गाँवों से परे अन्य जिलों में रह रहे
हैं अथवा अन्य राज्यों जैसे केरल, आंध्रप्रदेश और गुजरात में पलायन कर गये हैं। कंधमाल
में सन 2008 के ईसाई विरोधी हिंसा में 90 लोग मारे गये थे तथा 55 हजार ईसाई बेघर हो गये
थे। हमलावरों ने 415 गाँवों के 5600 घरों में लूटपाट मचाया था।