बेरूत लेबनान 13 सितम्बर 2012 (वीआर वर्ल्ड) लेबनान में मारोनाईत प्राधिधर्माध्यक्ष
बेसहारा बुर्तुस अल राई ने कहा कि नफरत और हिंसा की भाषा, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय
दोनों स्तर पर, कदापि नया वसंत नहीं लायेगी लेकिन इसके ठीक विपरीत होगा। लेबनान में सबसे
बडे ईसाई मत के नेता ने कहा कि संत पापा की लेबनान यात्रा का केन्द्रबिन्दु होगा - मध्य
पूर्व की कलीसियाएँ तथा क्षेत्र में शांति के भविष्य के लिए उनका कैसा योगदान हो। उन्होंने
कहा कि उनके विचार से प्रेरितिक उदबोधन इस कठिन समय में ईश्वर की ओर से उपहार है। क्षेत्र
के ईसाईयों के सामने प्रस्तुत चुनौतियों की श्रृंखला के सामने कुछ समाधान के उपायों का
प्रस्ताव करते हुए आगे बढने के लिए एक रास्ता होगा।
प्राधिधर्माध्यक्ष राई ने
कहा कि मुसलमान समुदाय भी संत पापा की यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित है। संत पापा क्षेत्र
में शांति की सुबह लाने के लिए सहायता करेंगे लेकिन सच्चा अरब वसंत आयेगा ईसाई वसंत के
फल रूप में तथा इसे पाने के लिए हम सामुदायिकता की भावना में तथा प्रेम के साक्षी बनकर
मदद कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र हिंसा और युद्ध से प्रताडित रहा
है और यह प्रेरितिक उदबोधन संघर्षों तथा राजनैतिक तनावों के रचनात्मक समाधान के लिए एक
नया रास्ता प्रस्तुत करेगा। यह महत्वपूर्ण है कि कलीसिया शांति, संवाद और समझदारी की
भाषा बोले क्योंकि अरब जगत क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केवल नफरत और हिंसा की
ही भाषा सुनता रहा है। हिंसा और युद्ध कदापि नया वसंत नहीं ला सकते हैं।
स्मरण
रहे कि संत पापा की लेबनान यात्रा का एक प्रमुख उद्देश्य रोम में सन 2010 में सम्पन्न
मध्य पूर्व के धर्माध्यक्षों की धर्मसभा के बाद तैयार किये गये दस्तावेज या प्रेरितिक
उदबोधन को लेबनान और मध्य पूर्व के धर्माध्यक्षों को सौंपना है। इस प्रेरितिक उदबोधन
पर संत पापा 14 सितम्बर को हरीसा स्थित संत पौल बासिलिका में हस्ताक्षर करेंगे तथा रविवार
16 सितम्बर को इसे लेबनान सहित मध्य पूर्व क्षेत्र के धर्माध्यक्षों और विश्वासियों को
सौंपेंगे। इस प्रेरितिक उदबोधन से क्षेत्र की कलीसिया को अपने प्रेरितिक कार्यों को सम्पन्न
करने के लिए मार्गदर्शन प्राप्त होगा।