2012-09-07 17:17:45

पान अफ्रीकन कांग्रेस के काथलिक लोकधर्मियों के लिए कार्डिनल साराह का सम्बोधन


याउन्दे कैमरून 7 सितम्बर 2012 (सेदोक) कैमरून के याउन्दे में " अफ्रीका में आज येसु के साक्षी बनना " शीर्षक के तहत सम्पन्न हो रहे काथलिक लोकधर्मियों के पान अफ्रीकन कांग्रेस के प्रतिभागियों को तीसरे दिन 6 सितम्बर को सम्बोधित करते हुए परमधर्मपीठीय समिति " कोर उन्नुम " के अध्यक्ष कार्डिनल रोबर्ट साराह ने अफ्रीका के लोकधर्मियो को आमंत्रित किया कि वे प्रभु येसु और उनके प्रेम का निजी साक्षात्कार करें तथा अपने प्रशिक्षण को पहली प्राथमिकता मानें। उन्होंने कहा कि येसु के साथ साक्षात्कार और उनपर विश्वास माँग करता है कि जीवन शैली पूरी तरह सुसमाचार के अनुरूप नवीकृत हो, तथा येसु की मृत्यु और पुनरूत्थान के द्वारा मौलिक रूप से पूर्ण बदलाव हो।

कार्डिनल साराह ने सहर्ष रेखांकित किया कि यह प्रशिक्षण अनेक देशों में हो रहा है तथा इसे और अधिक दृढ़ता, निरंतरता तथा गहन धारणा के साथ किये जाने की जरूरत है जो लोकधर्मियों को ख्रीस्त के साथ पूरी तरह संयुक्त होकर जीवन जीने में सक्षम बनाये। उन्होंने कहा कि मसीही प्रशिक्षण केवल बौद्धिक ज्ञान अर्जन करना या धार्मिक अकादमिक विज्ञान नहीं है लेकिन यह हमें स्वयं में मसीही पूर्णता को साकार करने में मदद करता है।

लोकधर्मियों संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के सचिव मान्यवर जोसेफ क्लेमेंस ने सम्मेलन के प्रतिभागियों को चुनौती देते हुए कहा कि वे प्रेरितिक उदबोधन ख्रीस्तफिदेलिस लाईची को जानें तथा इसे कलीसिया के जीवन तथा परिवार, कार्यस्थल, पल्लियों, धर्मप्रांतों, कलीसियाई अभियानों और नये समुदायों के वास्तविक जीवन में लागू करें। उन्होंने अफ्रीके मुनुस नामक प्रेरितिक उदबोधन में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा व्यक्त आह्वान- अफ्रीका की कलीसिया- उठो- नवीन सुसमाचार प्रसार के पथ पर आगे बढ़ो को दुहराते हुए अपना सम्बोधन समाप्त किया।








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