2012-09-07 17:22:12

डा अब्दुल कलाम भारत की प्रगति के प्रति दृढ़मत


कोच्चि केरल 7 सितम्बर 2012 (ऊकान) भारत के पूर्व राष्ट्रपति डा ए पी जे अब्दुल कलाम ने कोच्चि स्थित सेक्रेड हार्ट कोलेज में कार्डिनल जोर्ज अलेंचेरी के हाथों से चवारा सम्सकृति पुरस्कार 2012 ग्रहण करने के अवसर पर कहा कि भारत के युवा देश के सबसे बड़े संसाधन हैं जो विकास को गति प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में आयी आर्थिक मंदी भारत के विजन 2020 मिशन को प्राप्त करने में गतिरोध नहीं उत्पन्न करेगी। उन्होंने कहा कि विजन 2020 की रचना करते समय शकल घरेलू उत्पाद का लक्ष्य 10 प्रतिशत रखा गया लेकिन आर्थिक मंदी के कारण इसमें कमी आयी। देश अपने मिशन को प्राप्त कर सकता है यदि यह आगामी 8 वर्षों में विकास दर को 8 से 9 प्रतिशत पर बनाये रखे।
उन्होंने कहा कि देश के लाखों लघु स्केल औद्योगिक संस्थान, सूचना तकनीकि निर्यात तथा दवा उद्योग देश को इस लक्ष्य को पाने के लिए सहायता करेंगे। उन्होंने देश में न्यूक्लिर पावर की सार्थकता के बारे में एक छात्र द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए कहा देश की परमाणु हथियार क्षमता केवल आत्म रक्षा के लिए है।
शोध की सार्थकता पर बल देते हुए डा. अब्दुल कलाम ने कहा कि देश में 400 से अधिक विश्वविद्याल. हैं लेकिन शोध की प्रमुखता निम्न है। 12 वीं पंचवर्षीय योजना में शोध संबंधी गतिविधियों पर जोर दिया गया है ताकि इस क्षेत्र में आयी कमी को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा, आर्थिक विकास और आध्यात्मिकता समाज के विकास के लिए अपरिहार्य है। विविधताओँ का सम्मान करने के लिए समाज को और अधिक खुलना होगा। पुरस्कार दिये जाने के अवसर पर कोलेज के प्रिंसिपल फादर प्रशांत पल्लाकाप्पिल भी उपस्थित थे।








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