अफ्रीका के काथलिक विश्वास और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा करें
वाटिकन सिटी 6 सितम्बर 2012(सीएनएस) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अफ्रीका के लोकधर्मी
काथलिकों को ख्रीस्त के राजदूत बनने का आह्वान करते हुए उन्हें ईसाई तथा पारम्परिक अफ्रीकी
मूल्यों की रक्षा करने, येसु में स्वयं के विश्वास को दूसरों के साथ बांटने एवं अफ्रीकी
समाज का पूर्णपरिवर्तन करने के लिए प्रोत्साहन दिया है। उन्होंने कहा कि अफ्रीकी संस्कृति
के सर्वाधिक वैध पारम्परिक मूल्य आज सेक्यूलाराइजेशन या धर्म के प्रति उदासीनता के कारण
खतरे का सामना कर रहे है, भ्रम और तनाव पैदा हो रहा है जो जातीयता, हिंसा, सार्वजनिक
जीवन में भ्रष्टाचार, महिलाओं और बच्चों का शोषण और अपमान करने तथा गरीबी और भूख में
वृद्धि के नये प्रवाह के रूप में दिखाई दे रहा है। पैन अफ्रीकन कांग्रेस के लोकधर्मी
काथलिकों का सम्मेलन कैमरून के याउन्दे में 4 से 9 सितम्बर तक सम्पन्न हो रहा है। सम्मेलन
के लगभग 300 प्रतिनिधियों को भेजे गये संदेश में संत पापा ने कहा कि लोकधर्मी काथलिकों
की जिम्मेदारी है कि वे अपने विश्वास को गहरा बनायें तथा समाज में उनके कार्यों को प्रभावी
बनाने के लिए अफ्रीकी संस्कृति के सकारात्मक मूल्यों और ईसाई शिक्षा को अनुमति प्रदान
करें। यदि हम अफ्रीकी जनता के दिल को देखते हैं तो उन्में हमारे युग के लिए बहुमूल्य
आध्यात्मिक संसाधन की महान समृद्धि जैसे- जीवन और परिवार के लिए प्रेम, खुशी और शेयरिंग
की भावना तथा विश्वास के लिए उत्साह की खोज कर सकते हैं। संत पापा ने लिखा कि ईसाई
विश्वास का उपहार तथा इसे अन्यों के साथ बांटने का दायित्व एक सदगुण चक्र की रचना करता
है जिसमें हर व्यक्ति का परिवर्तन होता तथा समाज में बदलाव लाता है।