मुम्बईः वाटिकन की जीवन अकादमी के सदस्य ने किया मदर तेरेसा के अनुसरण का आह्वान
मुम्बई, 05 सितम्बर सन् 2012 (एशियान्यूज़): भारत में लिंग-चयनात्मक गर्भपातों को रोकने
के लिये, वाटिकन स्थित जीवन सम्बन्धी परमधर्मपीठीय अकादमी के सदस्य, मुम्बई के डॉ. पास्कल
कारवाल्हो ने धन्य मदर तेरेसा के अनुसरण का आग्रह किया है। 05 सितम्बर को धन्य मदर
तेरेसा की पुण्य तिथि के उपलक्ष्य में एशिया समाचार से बातचीत में डॉ. कारवाल्हो ने कहा
कि जीवन के प्रति मदर तेरेसा का प्रेम हम सबसे मांग करता है कि हम चयनात्मक गर्भपातों,
नारी भ्रूण हत्या तथा बालिकाओं की हत्या के विरुद्ध संघर्ष करें। डॉ. कारवाल्हो ने
समस्त भारतीयों का आह्वान किया कि वे भारतीय समाज में व्याप्त कुप्रथाओं तथा उन नाकारात्मक
तथ्यों के विरुद्ध अपने संघर्ष को सघन करें जो देश की जनसंख्या की रचना को ही बदल रहे
हैं। उन्होंने कहा, "जीवन के आरम्भिक क्षण से लेकर प्राकृतिक मृत्यु तक प्रत्येक
मानव प्राणी के प्रति प्रेम के कारण मदर तेरेसा भारत तथा विश्व में सम्मान की पात्र हैं।"
इसीलिये, उन्होंने कहा, "धन्य मदर तेरेसा की पुण्य तिथि, "मृत्यु की संस्कृति" को प्रश्रय
देनेवाले सभी तथ्यों के विरुद्ध संघर्ष पर चिन्तन का सुअवसर है।" भारत सरकार द्वारा
प्रकाशित सन् 2011 के सर्वे के अनुसार भारत में प्रति वर्ष एक हज़ार पुरुषों में औसतन
914 लड़कियाँ ही पैदा होती हैं।