2012-09-03 12:30:11

बोनगायगाँवः बोडो, मुस्लिम नेताओं ने किया भय को दूर करने का आह्वान


बोनगायगाँव, 03 सितम्बर सन् 2012 (ऊका): असम में दंगाग्रस्त ज़िलों के बोडो एवं मुसलमान नेताओं का कहना है कि राहत शिविरों में शरण ले रहे लोगों में व्याप्त भय एवं चिन्ता को दूर करने की नितान्त आवश्यकता है।
शनिवार को तीन बोडो एवं पाँच मुसलमान नेताओं ने 20 जुलाई से, बोडो आदिवासियों एवं मुसलमान आप्रवासियों के बीच आरम्भ झगड़ों के शांतिपूर्ण समाधान हेतु मुलाकात की। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि राहत शिविरों में शरण लेनेवालों लोगों में व्याप्त भावानात्मक एवं मनोवैज्ञानिक समस्याओं के समाधान हेतु शांति के सन्देशों का पहुँचाया जाना ज़रूरी है।
असम के अन्तर कलीसियाई शांति मिशन तथा संयुक्त शांति मिशन टीम द्वारा आयोजित मुलाकात बोनगायगाँव के काथलिक धर्माध्यक्षीय निवास में सम्पन्न हुई।
मुलाकात में, 22 सितम्बर तथा 30 सितम्बर को शांति रैलियाँ आयोजित करने का निर्णय भी लिया गया।
बोनगायगाँव के धर्माध्यक्ष थॉमस पुल्लोपिलिल के सचिव फादर बीजू विल्ला ने कहा, "इस घड़ी शान्ति की सख्त ज़रूरत है और हमारा विश्वास है कि क्षेत्र में शांति स्थापना हेतु हम अपनी क्षमता के अनुसार योगदान दे सकते हैं।"
गुवाहाटी के सेवानिवृत्त महाधर्माध्यक्ष थॉमस मेनामपरमपिल ने इस तथ्य पर बल दिया कि शांति स्थापना के लिये मैत्री और सम्वाद को प्रोत्साहन दिया जाना अनिवार्य है।
असम के कई ज़िले, जिनमें कोकराझार, चिरांग, दूब्री तथा बाक्सा शामिल हैं, बीस जुलाई से आरम्भ हिंसा की चपेट में आ गये हैं। हिंसा में अब तक 89 व्यक्तियों की मौत हो गई है तथा लगभग चार लाख लोग बेघर और विस्थापित हो गये हैं।








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