2012-08-29 12:10:17

नई दिल्लीः पाकिस्तानी आतंकवादी कसाब की फाँसी की सज़ा बरकरार


नई दिल्ली, 29 अगस्त सन् 2012 (पी.टी.आई.): भारत के सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई हमले के दोषी पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब की अपील पर फैसला देते हुए फांसी की सज़ा को बरकरार रखा तथा कसाब की सभी दलीलों को खारिज कर दिया है।
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति आफताब आलम और न्यायमूर्ति चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की स्पेशल बेंच ने कसाब पर फैसला पढ़ा। उन्होंने अपने फैसले में कहा कि देश की संप्रभुता पर किसी भी प्रकार के हमले को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
अदालत ने कसाब की कम उम्र की दलील ठुकराते हुए कहा कि यह जंग भारत के खिलाफ थी और इस मामले में कसाब के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं। कोर्ट ने कसाब की तरफ से दी गई यह दलील भी खारिज कर दी कि हमले के वक्त वह सिर्फ रोबोट की तरह काम कर रहा था। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के वकील गोपाल सुब्रमण्यम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लोकतंत्र की जीत करार दिया है।
कसाब को हत्या, हत्या की साजिश, देश के खिलाफ जंग, हत्या में सहयोग देने और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में फांसी की सज़ा सुनाई गई है।
गौरतलब है कि कसाब 9 अन्य पाकिस्तानी आतंकवादियों के साथ 26 नवंबर, 2008 को कराची से समुद्र के रास्ते मुंबई पहुंचा था। इसके बाद इन आतंकवादियों ने मुंबई के विभिन्न स्थानों पर अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 166 व्यक्ति मारे गए। इस आतंकी हमले के दौरान सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 9 पाकिस्तानी आतंकी मारे गए थे, जबकि कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था।








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