इस्लामाबादः ईश निन्दा कानून के उल्लंघन हेतु गिरफ्तार लड़की नाबालिग घोषित
इस्लामाबाद, 29 अगस्त सन् 2012 (ऊका समाचर): पाकिस्तान में ईश निन्दा कानून के उल्लंघन
हेतु गिरफ्तार 11 वर्षीया रिमशा मसीह को इस्लामाबाद की ज़िला अदालत ने नाबालिग घोषित
कर दिया है। चिकित्सीय रिपोर्ट ने रिमशा की उम्र 14 वर्ष तय की है। इस्लामाबाद ज़िला
अदालत के न्यायाधीश राणा जावेद हसन ने कहा कि रिमशा की सुनवाई एक बाल अदालत में की जायेगी।
उन्होंने कहा, "वह नाबालिग़ है इसलिये उसका प्रकरण बाल कानून निकाय के तहत सुना जायेगा।"
पाकिस्तानी कानून के तहत 15 वर्ष की आयु से कम उम्र वाले बच्चों पर बाल अदालतों में
मुकद्दमा चलाया जाता है जबकि 12 वर्ष की आयु से कम उम्र के बच्चों के उनके कृत्यों के
लिये ज़िम्मेदार न मानकर उन्हें किसी तौर पर अपराधी नहीं माना जाता है। रिमशा के
वकील ताहिर नावीद चौधरी ने इस्लामाबाद की ज़िला अदालत के फैसले पर हर्ष व्यक्त किया और
कहा है कि इससे यह आशा मज़बूत हुई है कि रिमशा को ज़मानत पर रिहा कर दिया जायेगा। वकील
ने कहा, "उसकी निरक्षरता के सबूत, उसका कम उम्र और नाबालिग़ होना तथा उसकी मानसिक बीमारी
उसकी रिहाई के अवसरों को बढ़ा देती है।" उन्होंने कहा कि सभी तथ्य एवं आँकड़े रिमशा के
पक्ष में हैं। रिमशा पर इस्लाम तालीम के कुछ पन्नों को जलाने का आरोप लगाकर इस माह
के आरम्भ में गिरफ्तार किया गया था। इस प्रकरण ने एक बार फिर पाकिस्तान के ईश निन्दा
कानून पर सवाल उठायें हैं तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर इसके रद्द किये जाने
की मांगें उठी हैं।