2012-08-28 11:47:55

नई दिल्लीः पुरोगामी इताली मिशनरी का निधन


नई दिल्ली, 28 अगस्त, सन् 2012 (ऊका समाचार): भारत में कई रोज़गार योजनाओं के पुरोगामी इताली काथलिक मिशनरी फादर दीनो कोलूस्सी का सोमवार को नई दिल्ली में देहान्त हो गया।
नई दिल्ली में साईलिशियन धर्मसमाज के प्रान्ताध्यक्ष फादर पौल पादामट्टुमेल ने बताया, "विगत एक महीने से फादर कोलुस्सी बीमार थे। कई बार उपचार के लिये वे अस्पताल जा चुके थे।" फादर पौल ने बताया कि सोमवार को हृदयाघात के कारण ओखला के होली फेमिली अस्पताल में फादर कोलूस्सी की मृत्यु हो गई। वे 83 वर्ष के थे।
सोमवार को ही नई दिल्ली स्थित परमधर्मपीठ के प्रेरितिक राजदूत महाधर्माध्यक्ष साल्वातोरे पेन्नाखियो ने साईलिशियन धर्मसमाजी आश्रम में मृत फादर कोलूस्सी के प्रति भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
फादर कोलूस्सी के पार्थिव शव को राँची ले जाया जा रहा है तथा वहीं, कार्डिनल टेलेस्फोर टोप्पो के नेतृत्व में उनकी अन्तयेष्टि सम्पन्न की जायेगी। फादर दीनो कोलूस्सी ने इच्छा ज़ाहिर की थी कि उनका पार्थिव शरीर राँची स्थित कोकर के डॉन बोस्को आश्रम में दफनाया जाये जहाँ उनके बड़े भाई फादर ग्वीदो कोलूस्सी को भी दफनाया गया है।
फादर कोलूस्सी पाँच भाइयों में सबसे छोटे थे। सभी पाँच भाई साईलिशियन पुरोहित हैं जिनमें से चार भाई – ग्वीदो, फेरुच्यो, लूच्यानो और दीनो भारत में मिशन कार्यों के लिये गये थे जबकि भाई जुसेप्पे दक्षिण अमरीका गये थे।
फादर कोलूस्सी की एकमात्र बहन रीना भी साईलिशियन धर्मबहन थीं जो भारत में मिशनरी थीं। मेघालय के शिंलोंग में उनकी पवित्र समाधि है। सन् 2010 में फादर दीनो के बड़े भाई फादर लूच्यानो का देहान्त हो गया था। वे क्रिशनगर धर्मप्रान्त के प्रतिधर्माध्यक्ष थे। उन्हें कोलकाता के निकट बानदेल के मरियम तीर्थ पर दफनाया गया था।
फादर दीनो कोलूस्सी सन् 1951 ई. में भारत आये थे। उन्होंने क्रिशनगर में युवाओं के लिये कई रोज़गार योजनाएँ आरम्भ की थीं, इनमें, पोलट्री फार्मिंग, पिगरी, आराघर तथा खाद्य पदार्थों की डिब्बाबन्दी शामिल हैं।







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