2012-08-25 17:31:49

असम के राहत शिविर में भाईचारा और सद्भावना का उदाहरण


गुवाहाटी असम 25 अगस्त 2012 (ऊकान) असम के राहत शिविर एक हिन्दु ने भाईचारा और सद्भावना का उदाहरण प्रस्तुत किया है। 62 वर्षीय बलाई बरमन ने मुसलमान बहुल धुबरी जिले के एक राहत शिविर में एक मुसलमान युवती के विवाह की व्यवस्था की।

समाचार में बताया गया कि राहत शिविर में ही 43 वर्षीय जमालुद्दीन शेख की मुलाकात बरमन से हुई थी जो अपनी 19 वर्षीय बेटी यास्मीन के लिए चिंतित थे। वह राहत शिविर में असुरक्षित महसूस कर रही थी। शेख ने बलाई पर विश्वास किया और अपनी बेटी को उनको सौंप दिया जो यासमीन को अपने घर ले गये।

अपने गाँव में सम्मानित बापदाई बलाई ने यासमीन के लिए एक योग्य मुसलमान युवक की खोजकर 18 अगस्त को उनकी शादी करा दी। बरमन ने अपने घर में शादी समारोह की व्यवस्था की तथा गाँव और राहत शिविर के कुछ लोगों के लिए भोज की व्यस्था करने में 35 हजार रूपये भी खर्च किये। बरमन ने कहा कि उनके दिल पर से बोझ उतर गया है।

स्मरण रहे कि असम में बोडो जनजातीय समुदाय और मुसलमान प्रवासियों के मध्य संघर्षों के कारण 80 से अधिक लोगों की जान चली गयी तथा लगभग 5 लाख लोग बेघर हो गये हैं।







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