2012-08-24 17:18:04

हिंसा पीडितों की सहायता के लिए असम सरकार द्वारा चर्च से सहयोग करने का आग्रह


बंगलुरू भारत 24 अगस्त 2012 (सीएनएस) असम सकार ने बोडो जनजातीय समुदाय और मुसलमान प्रवासियों के मध्य संघर्ष के शिकार हुए लोगों की सहायता के लिए चर्च का सहयोग माँगा है। इन संघर्षों के कारण कम से कम 80 लोग मारे गये हैं तथा 4 लाख बेघर हो गये हैं। बोंगाईगाँव के धर्माध्यक्ष थोमस पुल्लोपिलिल ने 22 अगस्त को काथलिक न्यूज सर्विस से कहा कि सरकारी अधिकारी हमसे सम्पर्क कर रहे हैं ताकि लोगों के पुर्नवास को गति प्रदान की जा सके।
कोकराझार के एक वरिष्ठ अधिकारी विनोद शेषान ने 20 अगस्त को कलीसियाई अधिकारियों को लिखा कि एक माह से अधिक समय बीत गया है कोकराझार जिले में जातीय संघर्ष के दृश्य सामने आते रहे हैं। दोनों समुदायों की सशस्त्र भीड़ लूटपाट करते हुए एक दूसरे की सम्पत्ति को नुकसान पहुँचाती रही है। सरकारी अधिकारी ने चर्च का समर्थन माँगा ताकि राहत शिविरों में रह रहे बच्चों के लिए शिक्षा, चिकित्सा और अन्य विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें, युवाओं के लिए मनोवैज्ञानिक और कैरियर संबंधी परामर्श देने तथा पूरी तरह से नष्ट हुए गाँवों को फिर से बसाने के लिए मदद हो।
असम के मुख्यमंत्री तरूण गोगोई ने भी राहत शिविरों का दौरा करने के बाद 21 अगस्त को कलीसियाई एकतावर्द्धक प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से लोगों की सहायता करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री के साथ कलीसियाई एकतावर्द्धक प्रतिनिधिमंडल की बैठक का संयोजन करनेवाले असम अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य अलेन ब्रुक्स ने कहा कि मुख्यमंत्री ने जातीय संघर्ष वाले क्षेत्रों में चर्चों द्वारा उपलब्ध कराये जा रहे राहत कार्यों के महत्व को स्वीकार करते हुए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से शांति स्थापित करने में मदद करने का आग्रह किया।
भारत में आपदा प्रबंध के लिए काथलिक रिलीफ सर्विसेस की निदेशक रेखा शेट्टी ने सीएनएस से कहा कि 10 राहत शिविरों में बच्चों की सहायता के लिए सुविधाएँ उपलब्ध करायी जा रही हैं।








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