सन्त बार्थोलोमेओ प्रभु येसु ख्रीस्त के 12 शिष्यों में से एक थे जिन्हें, सुसमाचारों
में नाथानिएल नाम से पुकारा गया है। वस्तुतः, बार्थोलोमेओ का अर्थ है "तोलोमाय का पुत्र"
इसीलिये बाईबिल पण्डितों का मानना है कि सन्त योहन रचित सुसमाचर में चर्चित नाथानिएल
ही बार्थोलोमेओ हैं।
सन्त योहन के अनुसार नाथानिएल काना के थे जिनके बारे में
येसु ने कहा था, "ऐसा इसराएली जो धोखा देने में सक्षम नहीं था।" सन्त येहन रचित सुसमाचार
के पहले अध्याय के 43 वें पद से लेकर 49 वें पद से हमें ज्ञात होता है कि सन्त फिलिप
द्वारा नाथानिएल का परिचय प्रभु येसु ख्रीस्त से कराया गया था। इन पदों में हम पढ़ते
हैं: "फिलिप नथानाएल से मिला और बोला, ‘‘मूसा ने संहिता में और नबियों ने जिनके विषय
में लिखा है, वही हमें मिल गये हैं। वह नाजरेत-निवासी, यूसुफ के पुत्र येसु हैं।'' नथानाएल
ने उत्तर दिया, "क्या नाजरेत से भी कोई अच्छी चीज आ सकती है?'' फिलिप ने कहा, "आओ और
स्वयं देख लो''। येसु ने नथानाएल को अपने पास आते देखा और उसके विषय में कहा, "देखो,
यह एक सच्चा इस्राएली है। इस में कोई कपट नहीं।'' नथानाएल ने उन से कहा, ‘‘आप मुझे कैसे
जानते हैं?'' येसु ने उत्तर दिया, "फिलिप द्वारा तुम्हारे बुलाये जाने से पहले ही मैंने
तुम को अंजीर के पेड़ के नीचे देखा''। नथानाएल ने उन से कहा, "गुरुवर! आप ईश्वर के पुत्र
हैं, आप इस्राएल के राजा हैं।"
रोमी शहीदनामे के अनुसार, प्रभु येसु मसीह
के प्रथम शिष्यों में से एक रहे, बारथोलेंओ ने भारत तथा ग्रेटर आरमेनिया में सुसमाचार
का प्रचार किया था। आरमेनिया में ही राजा आस्तेयाजेस द्वारा उन्हें उत्पीड़ित कर मार
डाला गया था। परम्परागत रूप से, कास्पियन सागर के पश्चिमी तट स्थित आबनेपोलिस में बारथोलोमेओ
ने सुसमाचार प्रचार किया था। साथ ही, मेसोपोटामिया, फारस और मिस्र से भी उनके प्रचार
कार्य के प्रमाण मिले हैं।
मिस्र की प्राचीन एलेक्ज़ेनड्रिया की कलीसिया के अनुसार
सन्त बारथोलोमेओ की शहादत का स्मृति दिवस कॉप्टिक पंचाग के पहले दिन मनाया जाता है। काथलिक
कलीसिया सन्त बारथोलोमेओ का पर्व 24 अगस्त को मनाती है।
चिन्तनः सन्त
बारथोलोमेओ के सदृश हम भी प्रभु येसु ख्रीस्त में अपने विश्वास की अभिव्यक्ति कर कहें,
"गुरुवर! आप ईश्वर के पुत्र हैं, आप इस्राएल के राजा हैं।"