2012-08-21 12:08:01

वाशिंगटनः अमरीका ने लड़कियों एवं महिलाओं की रक्षा की पाकिस्तान से की मांग


वाशिंगटन, 21 अगस्त सन् 2012 (बी.बी.सी.): इस्लामाबाद में विगत सप्ताह ईश निन्दा के आरोप में एक 11 वर्षीय बच्ची की गिरफ्तारी के बाद अमरीका ने पाकिस्तान का आह्वान किया है कि वह लड़कियों एवं महिलाओं की रक्षा हेतु ठोस कदम उठाये।
अमरीकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि ईश-निंदा कानून के तहत, इस्लामाबाद में शुक्रवार को गिरफ्तार, 11 वर्षीय बीमार बच्ची के मामले में, अमरीका ने, पाकिस्तान से निष्पक्ष जांच का आग्रह किया है।
उन्होंने कहा, "हमने पाकिस्तान से अनुरोध किया है कि वह देश के धार्मिक अल्पसंख्यक नागरिकों सहित महिलाओं और लड़कियों की भी हिफाजत करे।"
इस बच्ची पर कुरान पाक के पन्नों को जला डालने का आरोप है।
नूलैंड ने इस बात का स्वागत किया कि पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने गृह मंत्रालय को मामले की जांच का आदेश दिया है और यह भी कहा है कि असुरक्षित लोगों को इस कानून के ग़लत इस्तेमाल से बचाने की जरूरत है.
इससे पहले पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने मामले की जांच का आदेश दिया था.
गिरफ्तार बच्ची इस्लामाबाद के निकटवर्ती मेहराबाद गाँव की रहने वाली है और बताया जाता है कि उसकी दिमाग़ी हालत ठीक नहीं है। 17 अगस्त को जुमे की नमाज़ के बाद पुलिस ने बच्ची को दफ़ा 295-डी के तहत गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत के लिये बाल-सुधारगृह भेज दिया था।
इस बीच, 'क्रिश्चियन्स इन पाकिस्तान' नामक लोकोपकारी संगठन ने कहा है कि बच्ची पर कुरान के 10 पन्ने जलाने का फर्जी आरोप लगाया गया है। संगठन ने दावा किया है कि उमर जाफर इलाके में रह रहे ईसाई समुदाय के लोगों को कुछ चरमपंथियों ने उनके घरों में आग लगाने की धमकी दी थी। इस डर से अब तक 300 लोग अपने घर छोड़ चुके हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में लागू विवादास्पद ईश निन्दा कानून के दुरुपयोग का मामला अक्सर सामने आता रहता है। मानवाधिकार कार्यकर्ता इस कानून को निरस्त करने की मांग करते रहे हैं।








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