म्यानमार, 21 अगस्त सन् 2012 (ऊका समाचार): म्यानमार की सरकार ने राजनैतिक सुधारों में
महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, सोमवार को, स्थानीय प्रिंट मीडिया से सेन्सरशिप हटाने की घोषणा
कर दी। बर्मा में प्रिंट मीडिया पर यह प्रतिबन्ध सन् 1964 में लगाया गया था। सूचना
मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार को याँगून में पत्रकारों एवं सम्पादकों के सम्मेलन
में घोषित किया कि अब से उन्हें अपनी कृतियों को प्रकाशित करने से पहले सेंसर बोर्ड के
समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं होगा। ग़ौरतलब है कि म्यानमार में विगत पांच वर्ष
से सैन्य शासन के दौरान विवादास्पद समाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर अखबारों में लिखना
वर्जित था और साथ ही फिल्म के गानों के शब्दों को भी सेंसर किया जाता था। सरकार की
उक्त घोषणा के तहत लगभग 300 अखबारों और पत्रिकाओं को कम संवेदनशील मुद्दों पर बिना सेंसरशिप
के खबरें प्रकाशित करने की अनुमति दी गई है और लगभग 30 हजार इंटरनेट साइटों पर से प्रतिबंध
उठा लिए गए हैं। प्रेस की स्वतंत्रता हेतु गठित पत्रकारों की समिति के प्रवक्ता जाओ
थेट ने ऊका समाचार से बातचीत में सेंसरशिप का ख़त्म होना म्यानमार के लिये एक रचनात्मक
कदम बताया किन्तु इस बात पर बल दिया कि समिति शांतिपूर्ण सुधारों के लिये अपने अभियान
को जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि यदि यथार्थ विकास चाहिये तो सरकार एवं मीडिया के बीच
विश्वास उत्पन्न किया जाना नितान्त आवश्यक है। पत्रकारों की सुरक्षा हेतु गठित समिति
द्वारा मई माह में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार म्यानमार उन दस देशों में से एक है
जहाँ प्रेस और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सबसे अधिक प्रतिबन्ध लगे हैं।