2012-08-16 18:00:38

सीरिया में शांति स्थापना के लिए प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमियो प्रथम की अपील


वाटिकन रेडियो 16 अगस्त 2012 (न्यूज. वा) कुस्तुंतुनिया के प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमियो प्रथम ने असहिष्णुता, क्षेत्रीय अस्थिरता तथा जातीय और धार्मिक संवेग से उत्प्रेरित हिंसा से पीडित विश्व में शांति के लिए अपील की है। उन्होंने कहा कि अमरीका से अफ्रीका और यूरोप तथा एशिया महाद्वीपों में असहिष्णुता की स्थिति का सामना करना हुआ है जो न केवल विश्व में स्थायित्व और शांति को कम करती है लेकिन मानव प्रतिष्ठा का इंकार करना भी है।

नस्लवादी हत्या, जनसंहार, जातीय सफाया, सामीवाद, प्रार्थना के स्थलों का विनाश इत्यादि बर्बर कृत्य हैं जिनकी सार्वजनिक रूप से भर्त्सना करनी चाहिए, विशेष रूप से तब जब धर्म का आवरण लपेट कर इन कृत्यों का औचित्य सिद्ध करने का प्रयास किया जाता है।

प्राधिधर्माध्यक्ष बारथोलोमियो प्रथम ने मध्य पूर्व सहित नाईजिरिया और सूडान की स्थिति पर भी विशेष चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि विश्व के इन भागों में ईसाईयों और मुसलमानों के मध्य होनेवाले संघर्षों पर पड़ोसी प्रेम तथा मानवजाति को जोड़ने वाले शांतिमय बंधन की अभिव्यक्ति द्वारा विजय पाना है।

प्राधिधर्माध्यक्ष महोदय ने सीरियावासियों सहित इस देश में ईसाईयों के भविष्य पर भी गहन चिंता व्यक्त किया। उन्होंने देश में मानवतावादी परिस्थितियों को विशेष महत्व दिये जाने की जरूरत को देखते हुए हिंसा में शामिल सब पक्षों से हथियार का परित्याग कर संवाद करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि संवाद न केवल भिन्नताओं को सहन करना या बेहतर समझ पाना है लेकिन यह मेलमिलाप और पूर्ण परिवर्तन का सार है। धर्म कभी भी युद्ध और संघर्ष का आधार नहीं बने। राजनैतिक हित या अन्य लाभ के लिए चरमपंथ और कटटरवाद का प्रसार करने के साधन के रूप में धर्म का उपयोग नहीं किया जाये। उन्होंने कहा कि शांति स्थापना की एकमात्र आशा संवाद या वार्ता करना है।








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