लाहौरः रमादान बना ख्रीस्तीयों एवं मुसलमानों के बीच मैत्री का अस्त्र
लाहौर, 15 अगस्त सन् 2012 (ऊका): पाकिस्तान के लाहौर में रमादान ख्रीस्तीयों एवं मुसलमानों
के बीच मैत्री का अस्त्र बन रहा है। लाहौर के लोयोला हॉल में विगत शनिवार को ख्रीस्तीयों
ने मुसलमान भाइयों के साथ मिलकर अन्तरधार्मिक समारोह का आयोजन किया जिसके उपरान्त सन्ध्या
समय एक साथ मिलकर रोज़ा तोड़ा गया तथा इफ़तार खाया गया। पाकिस्तान की काथलिक कलीसिया
द्वारा, रमादान के अवसर पर इस प्रकार के समारोह लाहौर के अलावा अन्य शहरों में भी मनाये
जा रहे हैं। शनिवार को लोयोला हॉल में लगभग 30 ख्रीस्तीयों एवं मुसलमान युवाओं ने
हाथ जोड़कर एकसाथ प्रार्थनाएँ अर्पित कीं। निकटवर्ती मस्जिद से उपवास समाप्त करने के
ऐलान के बीच युवाओं ने क्रूस का चिन्ह बनाया तथा मिलकर प्रार्थना की। एक मुस्लिम
शिक्षिका आस्मा हुसैन ने ऊका समाचार से कहा, "पहली बार मैंने एक गिरजाघर से प्रार्थना
की और यह महसूस किया कि ईश्वर को कहीं से भी याद किया जा सकता है।" उन्होंने कहा,
"धार्मिक असहिष्णुता ने ही पाकिस्तान से हिन्दुओं के आप्रवास तथा ख्रीस्तीयों के विरुद्ध
हिंसा को जन्म दिया है।" उन्होंने कहा कि उत्तरजीविता के लिये आपसी समझदारी एवं भागीदारी
ज़रूरी है। येसु धर्मसमाजी पुरोहित फादर इमरान घौरी ने कहा, "मेज़ के इर्द गिर्द
भाईचारा अत्यधिक महत्वपूर्ण है।" उन्होंने कहा, "अतिथि सत्कार हमें, धर्म और जाति का
भेदभाव किये बिना, अन्यों को मानवीय स्तर पर समझने का सुअवसर देता है।" हालांकि कुछेक
आमंत्रित मुसलमानों ने इस समारोह में भाग लेने इनकार कर दिया तथापि समारोह सफल रहा। इसी
दिन सन्ध्या लाहौर के ख्रीस्तीय कल्याणकारी संगठन ने निर्धन मुसलमान महिलाओं में अनाज
वितरित कर रमादान मनाया। इस अवसर पर मुस्लिम महिलाओं ने नमाज़ अता की तथा ईश्वर के प्रति
धन्यवाद ज्ञापित किया।