प्रेरक मोतीः धन्य कुँवारी मरियम का स्वर्गोत्थान महापर्व
वाटिकन सिटी, 15 अगस्त सन् 2012:
धन्य कुँवारी मरियम का स्वर्गोत्थान महापर्व
15 अगस्त को मनाया जाता है। रोमी काथलिक कलीसिया सहित पूर्वी रीति की काथलिक एवं ऑरथोडोक्स
कलीसियाएँ तथा एंग्लिकन ख्रीस्तीय कलीसिया का विश्वास है कि धरती पर अपने जीवन के बाद
मरियम सशरीर स्वर्ग में उठा ली गई थीं।
काथलिक कलीसिया इस धर्मसिद्धान्त की घोषणा
करती है कि, "सांसरिक जीवन का दौर समाप्त करने के उपरान्त पवित्र कुँवारी मरियम शरीर
व आत्मा सहित स्वर्गिक महिमा में उठा ली गई थीं।" यह शिक्षा, धर्मसैद्धान्तिक एवं अचूक
रूप से, सन्त पापा पियुस 12 वें द्वारा, 01 नवम्बर सन् 1950 ई. को, "Munificentissimus
Deus” शीर्षक से प्रकाशित, उनके प्रेरितिक संविधान में परिभाषित की गई थी।
हालांकि,
काथलिक धर्मसिद्धान्त, स्वर्ग में उठा लिये जाने से पूर्व, मरियम की मृत्यु पर चर्चा
नहीं करता, पूर्वी रीति की कलीसियाएँ सिखाती हैं कि मृत्यु के बाद ही मरियम स्वर्ग में
उठा ली गई थीं। काथलिक कलीसिया सहित, मरियम के स्वर्गोत्थान में, विश्वास करनेवाली सभी
कलीसियाएँ, 15 अगस्त को, पवित्र कुँवारी मरियम के स्वर्गोत्थान का, पर्व मनाती हैं। कई
देशों में यह आदेश-पर्व एवं अवकाश दिवस घोषित किया गया है।
15 अगस्त, सन् 2004
को सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने मरियम के स्वर्गोत्थान धर्मसिद्धान्त को समझने के लिये
सन्त योहन रचित सुसमाचर के 14 वें अध्याय के तीसरे पद को धर्मग्रन्थीय आधार बताया था।
इस पद में, अन्तिम भोजन कक्ष में, येसु अपने शिष्यों से कहते हैं: "मैं वहाँ जाकर तुम्हारे
लिये स्थान का प्रबन्ध करने के बाद फिर आऊँगा और तुम्हें अपने यहाँ ले जाउँगा; जिससे
जहाँ मैं हूँ, वहाँ तुम भी रहो।" काथलिक धर्मतत्वविज्ञान के अनुसार, मरियम, प्रभु ख्रीस्त
की प्रतिज्ञा की परिपूर्णता की गारंटी हैं।
15 अगस्त को मनाये जानेवाले मरियम
के स्वर्गोत्थान महापर्व के दिन कई देशों जैसे ऑस्ट्रिया, बैलजियम, चीले, कोलोम्बिया,
एक्वेडोर, फ्राँस, जर्मनी, ग्रीस, लेबनान, लिथुयानिया, इटली, माल्टा, मॉरिशियुस, पोलैण्ड,
पुर्तगाल, सेनेगल तथा स्पेन में सार्वजनिक अवकाश मनाया जाता है। पूर्वी रीति की ऑरथोडोक्स
कलीसियाओं में मरियम के स्वर्गोत्थान का महापर्व, जूलियन पंचांग के अनुसार, 28 अगस्त
को मनाया जाता है। चिन्तनः हे स्वर्ग में उदग्रहित महारानी,
हमारे लिये प्रार्थना कर !!
हम सब मिलकर बोलें: प्रणाम मरिया कृपा पूर्ण, प्रभु
तेरे साथ है। धन्य है तू स्त्रियों में, और धन्य है तेरे गर्भ का फल, येसु। हे संत मरिया,
परमेश्वर की माँ, प्रार्थना कर हम पापियों के लिए, अब और हमारे मरने के समय, आमेन।