इस्लामाबाद, 13 अगस्त, 2012 (एशियान्यूज़) विभिन्न सम्प्रदायों को होने के बावजूद हम
एक राष्ट्र के है और हम एक साथ मिलकर पाकिस्तान की प्रगति करेंगे। उक्त बात पाकिस्तान
के प्रधानमंत्री को राष्ट्रीय सद्भावना के लिये नियुक्त विशेष सलाकार पौल भट्टी ने उस
समय कहा जब उन्होंने 11 अगस्त को लोगों को संबोधित किया।
विदित हो, 11 अगस्त को
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिनाह के पाकिस्तान असेम्बली में दिये गये भाषण का
65वाँ वर्षगाँठ था। इस दिन को पाकिस्तान ‘धार्मिक अल्पसंख्यक दिवस’ रूप में मनाता है।
पाकिस्तान प्रधानमंत्री के विशेष सलाहकार पौल भट्टी ने इस अवसर पर अमुस्लिमों
को दायित्व और ज़िम्मेदारी के बारे में बल देते हुए कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों
का योगदान शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रमुख रहा है।
उन्होंने
यह भी कहा कि अपने योगदानों के बावजूद अल्पसंख्यक कई मामलों में असहाय नज़र आते हैं विशेषकर
आतंकवाद, उग्रवाद और हिंसा के सम्मुख।
अपने संदेश देते हुए राष्ट्रीय सद्भावना
मंत्री पौल भट्टी ने उन लोगों की याद की जिन्होंने इस्लामिक उग्रवाद और तालीबान आंदोलन
के कारण अपनी जानें गँवायी।
इस अवसर पर उन्होंने विशेष रूप से पूर्व प्रधानमंत्री
बेनज़ीर भुट्टो और और अपने भाई शाहबाज़ भट्टी की याद की जिनकी हत्या पिछले साल 2 मार्च
2011 को कर दी गयी।
पौल भट्टी ने कहा कि उनके भाई शाहबाज़ और बेनज़ीर भुट्टो
ने प्रजातंत्र के मूल्यों - समानता, सद्भाव और शांति ककी रक्षा के लिये अपने प्राण दे
दिये ।
उन्होंने कहा कि उनके भाई ने पाकिस्तान मंत्रीमंडल में एकमात्र काथलिक
मंत्री रूप में सदा ही भेदभाव, असहिष्णुता और धार्मिक कट्टरवाद के ख़िलाफ अपनी आवाज़
उठायी। उन्होंने कहा कि ये वक्त पीछे लौटने का नहीं हैं। कुछ ऐसी ताकतें हैं जो पाकिस्तान
को बाँटना चाहती हैं और इसे अव्यस्थित करना चाहते हैं पर वे ऐसा होने नहीं देंगे।
उन्होंने
कहा कि पाकिस्तान की प्राथमिकताओं में अंतरधार्मिक वार्ता सबसे प्रमुख है। इस के लिये
यह आवश्यक है कि अल्पसंख्यकों को राजनीतिक, सामाजिक, संस्थागत और आर्थिक जीवन से जुड़ना
ही होगा।