मिलान, 11 अगस्त, 2012 (सीएनए) मिलान के सेवानिवृत्त महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल दियोनिजी
तेत्तामान्जी ने आशा व्यक्त की है कि संत पौल षष्टम् की मृत्यु की 34 वें वर्ष पूरे होने
पर उन्हें को ‘धन्य’ घोषित किया जायेगा।
कार्डिनल दियोनिजी ने उक्त बात उस समय
कही जब उन्होंने 6 अगस्त को संत पेत्रुस महागिरजाघर में यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाया। इस
समारोह में संत पापा पौल षष्टम् के पैत्रिक प्रांत ब्रेसिया के भक्तों तथा कई अन्य विश्वासियों
ने हिस्सा लिया।
मालूम हो कि संत पापा पौल षष्टम् की मृत्यु कास्तेल गंदोल्फो
में 6 अगस्त सन् 1978 ईस्वी में हुई थी जब पूरी कलीसिया येसु के रूपान्तरण का त्योहार
मना रही थी। संत पापा पौल षष्टम् (मोन्तिनी) रूपान्तरण की धर्मविधि को बहुत पसन्द किया
करते थे। उनके लिये वह धर्मविधि आध्यात्मिक गहराई का पल होता था।
कार्डिनल ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि कई लोग चाहते हैं कि बहुत जल्द
ही संत पापा पौल षष्टम् को कलीसिया ‘वेदी में चढ़ाने’ का अपना सम्मान देगी।
उन्होंने
कहा कि वे जब भी संत पापा द्वारा लिखे गये लेखों पर चिन्तन करते हैं तो उन्हें लगता है
कि उनका प्यार कलीसिया और मानवता के लिये अपूर्व था।
कार्डिनल ने बतलाया कि एक
आजन्म शिशुकी चंगाई संत पापा पौल षष्टम् को धन्य बनाये जान का मार्ग प्रशस्त करेगा।
ऐसा होना विश्वास वर्ष में एक ऐसा संयोग होगा जब पूरी कलीसिया वाटिकन द्वितीय महासभा
के पचास वर्ष पूरे होने के अवसर पर विश्वास वर्ष मनायेगी।
विदित हो कि संत पापा
पौल षष्टम् ने भी सन् 1967 ईस्वी को विश्वास वर्ष घोषित किया था जब पूरी कलीसिया ने संत
पेत्रुस और पौल की शहादत का 19वीं शताब्दी मनायी थी।
उस समय एक वर्ष तक विश्वास
वर्ष मनाने के बाद कलीसिया ने सन् 1968 में एक दस्तावेज़ का प्रकाशन किया था जिसे "क्रेदो
ऑफ द पीपल ऑफ गॉड " के नाम से जाना गया था। इस दस्तावेज़ में नाईचीन विश्वास पर विस्तृत
चिन्तन प्रस्तुत किया गया है।