शांति स्थापना के लिए हर व्यक्ति एक दूसरे के साथ सहयोग करे
नागासाकी 10 अगस्त 2012 (वीआर अंग्रेजी) अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठी समिति
के सचिव महाधर्माध्यक्ष पियेर लुईजी चेलाता ने 9 अगस्त को जापान के नागासाकी स्थित कैथिड्रल
में आयोजित समारोही ख्रीस्तयाग की अध्यक्षता की। नागासाकी में हुए परमाणु बम हमले की
67 वीं बरसी पर आयोजित ख्रीस्तयाग के दौरान उन्होंने कहा कि 67 वर्ष पूर्व 9 अगस्त 1945
को हुए परमाणु बम हमले के शिकार हुए लोगों की स्मृति में आयोजित इस समारोह में शामिल
होने के अवसर को वे ईश्वर का उपहार मानते हैं। नागासाकी शहर पर परमाणु बम हमले से व्यापक
स्तर पर मृत्यु पीड़ा और विनाश हुआ था। इस भयावह घटना के शिकार हुए लोगों के लिए ईश्वर
से निवेदन है कि वे शांति की कृपा दें। उन्होंने परमाणु बम हमले के शिकार हुए लोगों
तथा शांति के लिए प्रार्थना करते हुए कहा कि विभिन्न धर्मों के श्रद्धालुओं का आह्वान
किया जाता है कि वे शांति स्थापना के लिए हर व्यक्ति एक दूसरे के साथ सहयोग करे। विभिन्न
धार्मिक परम्पराओं में हम सहानुभूति, दया, क्षमा, प्यार जैसी अवधारणाओं की पहचान कर सकते
हैं जो भिन्नताओं के बावजूद सामान्य धारणा को प्रतिबिम्बित करती है कि सबलोग एक ही मानव
परिवार के हैं। उन्होंने कहा कि हम ईसाईयों के लिए विश्वास का दान यह ज्ञान देता है कि
ईश्वर की शांति में ही अंतिम आधार है तथा इसे साकार करने की ठोस संभावनाएं हैं। ईश्वर,
सृष्टिकर्ता और सब प्राणियों के पिता हैं जो हमें बंधु समान जीवन जीने के लिए कहते हैं।
येसु ने अपनी मृत्यु और पुनरूत्थान के द्वारा ईश्वर से और हमारे मध्य मेल कराया है। येसु
हमारी शांति हैं तथा हमें सच्ची शांति देते हैं। हमारे सक्रिय समर्पण के लिए शांति उनका
उपहार है। महाधर्माध्यक्ष चेलाता ने कहा कि ईश्वर के प्रति निष्ठा तथा बंधु ईसाईयों
और गैर ईसाईयों के प्रति प्रेम जिसका साक्ष्य नागासाकी के शहीद संतों और धन्य आत्माओं
ने दिया हमें आमंत्रित करता है कि नवीकृत समर्पण के साथ परमाणु युद्ध की बर्बरता के शिकार
हुए असंख्य लोगों की ओर देखें। येसु अपने क्रूस तथा पुनरूत्थान की शक्ति से हमें हर जगह
शांति की स्थापना करने, परोपकार, प्रार्थना और काम करने के महान मिशन के लिए आमंत्रित
करते हैं ताकि यथार्थ जीवन का विस्तार हो।