कार्डिनल कोलिंस का कहना सुसमाचार के सत्य का प्रसार करें
अनाहिम, कैलिफोर्निया 9 अगस्त 2012 (सीएनए) टोरंटो के कार्डिनल थोमस सी कोलिंस ने कहा
कि प्रार्थना और आनन्द की भावना को अंगीकार करते हुए काथलिकों का आह्वान किया जाता है
कि वे गलत संदेशों से भरे संसार में सुससमाचार के सत्य का प्रसार करें। उन्होंने कहा
कि हमारे युग के सतही आकर्षक तथाकथित ज्ञान जिसे विवेक मान लिया जाता है इसके सामने विकल्प
के रूप में जीवन दायी सुसमाचार को अर्पित करना हमारा मिशन है। और हमें इसे गहन रूप से
करने की जरूरत है ताकि काथलिकों सहित अन्य लोग भी जानें जो इस युग की तथाकथित प्रज्ञा
के सामने भ्रमित हो रहे हैं। नाइटस ओफ कोलम्बस की 130 वीं सर्वोच्च सम्मेलन के प्रतिभागियों
के लिए 8 अगस्त को समारोही ख्रीस्तयाग के दौरान प्रवचन करते हुए कार्डिनल महोदय ने उक्त
बातें कहीं। कैलिफोर्निया के अनाहिम में आयोजित सम्मेलन में विश्व के विभिन्न धर्माध्यक्षों
सहित लगभग 2 हजार प्रतिभागी शामिल हुए। कार्डिनल कोलिंस ने कहा कि हमारा आह्वान किया
जाता है कि हम सुसमाचार के अलौकिक प्रज्ञा की उदघोषणा करें। हर पीढ़ी के ईसाईयों के समान
ही हमारा मिशन इस युग में ख्रीस्त का प्रचार करना है जिसमें हम जीवन जी रहे हैं। लेकिन
हमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए जब सुसमाचार की प्रज्ञा का इस युग की मानवीय प्रज्ञा के
साथ आमना सामना होता है। कार्डिनल कोलिंस ने कहा कि चर्च को न केवल उनके मध्य सुसमाचार
के सत्य को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करना है जिन्होंने इसके बारे में कभी नहीं सुना लेकिन
उसे अनेक ईसाईयों के अख्रीस्तीयकरण के खिलाफ भी संघर्ष करना है। विषम सामाजिक वातावरण
मिशन को कठिन बना सकता है लेकिन यही चुनौती है जिसे ईसाईयों को स्वीकार करने के लिए बुलाया
जाता है। कार्डिनल कोलिंस ने ईसाईयों से 13 वीं सदी के संत दोमिनिक के समर्पण का
अनुकरण करने का आग्रह किया जिन्होंने सुसमाचार प्रचार के लिए निजी और सामुदायिक रूप से
साक्ष्य दिये जाने के महत्व पर बल दिया था। ऐसे विश्व को सुसमाचार के संदेश की बहुत जरूरत
है जहाँ इस युग का कथित ज्ञान जिसे प्रज्ञा मान लिया जाता है प्रेम के बंधन को कमजोर
करता तथा अंततः ऐसे समाज की ओर ले चलता है जहाँ लोग अकेले तथा बिना उद्देश्य और बिना
शांति के होते हैं।