मंगल ग्रह पर भेजे गये रोवर की सफलता से वाटिकन वेधशाला के निदेशक प्रसन्न
वाटिकन 7 अगस्त 2012 (सीडब्लयूएन) वाटिकन वेधशाला के निदेशक येसु धर्मसमाजी फादर होसे
ग्राब्रियल फूनेस ने कहा कि वे मंगल ग्रह में भेजे गये रोवर क्यूरियोसिटी के द्वारा भेजी
जानेवाली जानकारियों और परिणामों की ओर सकारात्मक रूप से देख रहे हैं। अमरीकी अंतरिक्ष
एजेंसी (नासा) द्वारा भेजा गया रोवर क्यूरियोसिटी 6 अगस्त को मंगल ग्रह पर उतरा। यह 2
साल के मिशन पर भेजा गया है ताकि मंगल ग्रह पर जीवन की उपस्थिति संबंधी चिह्नो और संकेतों
की खोज की जा सके। फादर फूनेस ने कह कि वे सोचते हैं कि इस मिशन की सफलता से हर व्यक्ति
को खुश होना चाहिए। यह सवाल पूछ जाने पर कि मंगल ग्रह की शोध से जुडे परिणामों के बारे
में क्या कलीसियाई अधिकारी चिंतित होंगे इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कदापि नहीं,
हम विज्ञान से नहीं डरते हैं और यही कारण है कि वाटिकन की यह वेधशाला है। अमेरिकी
अंतरिक्ष एजेंसी नासा का परमाणु क्षमता सम्पन्न और विभिन्न प्रकार के उपकरणों से लैस
एक टन वजनी रोवर क्यूरियोसिटी रविवार को मंगल ग्रह की सतह पर पहुंच गया। 26 नवंबर 2011
को अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से मंगल ग्रह के
लिए भेजा गया सबसे महंगा, सबसे महत्वकांक्षी और सबसे बड़ा रोबोटिक रोवर ‘क्यूरिऑसिटी’
06 अगस्त 2012 को मंगल की धरती पर पहुंचा। इसे मंगल ग्रह पर भेजने का मकसद यह पता लगाना
है कि क्या इस ग्रह पर कभी सूक्ष्मजीवों का जीवन था और यदि ऐसा था. तो क्या किसी दिन
वहां मानव के जीवन लायक स्थितियां भी बनेंगी।