येसुसमाजियों के लिए शिक्षा और सुसमाचार प्रसार पर ध्यान केन्द्रित करने की चुनौती
बोस्टन अमरीका 2 अगस्त 2012 (सीडब्लयूएन) वाटिकन प्रवक्ता येसु धर्मसमाजी पुरोहित फादर
फेदेरिको लोम्बार्दी ने अमरिका के बोस्टन में आयोजित येसु समाजी प्राचार्यों के एक अंतरराष्ट्रीय
सम्मेलन के प्रतिभागियों को 31 जुलाई को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे शिक्षा पर अपने
ध्यान(फोकस) का नवीनीकरण करें तथा नये सुसमाचार के लिए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के
चिंतनों, समसामयिक शिक्षा संबंधी आकस्मिक स्थिति तथा विश्वास और तर्क के मध्य संबंध पर
ध्यान केन्द्रित करें।
उन्होंने कहा कि हम इस तथ्य को छिपा नहीं सकते हैं कि
काफी लम्बे समय तक अनेक येसुसमाजी सोचते थे कि हमारे विद्यालयों ने अपने ऐतिहासिक मिशन
को प्राप्त कर लिया है तथा अन्य प्रेरिताई कामों के लिए स्वयं को बेहतर रूप से समर्पित
करें। यह मनोवृत्ति विद्यालयों के खिलाफ आलोचना करने की वैश्विक प्रवृत्ति, येसुसमाजियों
की संख्या में गिरावट तथा उस विचार से प्रभावित हुई थी कि विद्यार्थियों को न्याय के
लिए शिक्षित करने और समाज का पूर्ण परिवर्तन में विद्यालय सक्षम नहीं हैं।
अनेक
विद्यार्थियों की विश्वास संबंधी ज्ञान की कमी के बारे में फादर लोम्बार्दी ने कहा कि
गहन नम्रता से हमें स्वीकार करना होगा कि लम्बी अवधि तक जिस तरीके से हम विश्वास को दूसरों
तक पहुँचाते रहे हैं आज वे असरकारी नहीं हैं। हम जिस भाषा का प्रयोग करते थे वे अपने
अर्थ खो चुके हैं तथा हम उस वातावरण में उपस्थित नहीं हैं जिसमें युवा जीवन जीते, संवाद
करते तथा बढ़ते हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वास की सेवा करना तथा नवीन सुसमाचार
प्रसार के लिए स्वयं को समर्पित करना कलीसिया और येसु धर्मसमाज के मिशन के लिए प्राथमिक
जरूरत हैं और हमें इससे इंकार नहीं करना चाहिए। शिक्षा लोगों की सहायता करे ताकि वे स्वतंत्रता
और अनुशासन के मध्य संतुलन पायें, चरित्र का निर्माण हो तथा जीवन और व्यवहार संबंधी नियमों
की पहचान करने के लिए अपने उत्तरदायित्व से परहेज न करें। यह वह शिक्षा है जिसे येसु
धर्मसमाज की शिक्षा संबंधी परम्परा में हमेशा देने का प्रयत्न किया जाता रहा है और यह
आज भी बहुत महत्वपूर्ण है।