महिला अधिकारों की रक्षा के लिए काम करनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता को रामोन मैगसेसे पुरस्कार
मुम्बई 1 अगस्त 2012 (एशिया न्यूज) महिलाओं और युवतियों के अधिकारों की रक्षा और प्रसार
के लिए समर्पित भाव से काम करनेवाले रामोन मैगसेसे 2012 के पुरस्कार विजेता कुलानदेई
फ्रांसिस ने पुरस्कार मिलने के समाचार का आश्चर्य के साथ ही स्वागत किया। वे इंटीग्रेटेड
विलेज डेवलोपमेंट प्रोजेक्ट (आईवीडीपी) के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। उन्होंने बल दिया
कि यह पुरस्कार उनके लिए निजी रूप से नहीं लेकिन उनके काम और उन लोगों के लिए है जिन्होंने
आईडीवीपी को विकास का एक माडल बनाया है। सामाजिक कार्यकर्ता कुलानदेई को यह पुरस्कार
सामुदायिक नेतृत्व (कम्यूनिटी लीडरशिप) श्रेणी में प्रदान किया गया है। पुरस्कार वितरण
समारोह फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में 31 अगस्त को आयोजित की जाएगी।
66 वर्षीय
फ्रांसिस कुलानदेई ने तमिलनाडु के अन्ना मलाई विश्वविद्यालय से स्नातक की परीक्षा पास
करने के बाद 1979 में आईवीडीपी की स्थापना की। आईवीडीपी निर्धन और असहाय महिलाओं के लिए
सहायता समूहों की रचना करता है। उन्हें लघु उद्यम शुरू करने और बैंक में बचत करने में
मदद करने सहित महिलाओं के अधिकारों से अवगत कराते हुए परिवारों और स्वयं की देखरेख करने
में सहायता करता है।
एशिया समाचार सेवा से उन्होंने कहा कि निर्धनता अपराध है
जो मानव का अमानवीकरण करती तथा व्यक्ति के सार को ही खाली कर देती है। महिलाओं पर इसका
और अधिक विनाशकारी प्रभाव होता है। वे सन 1989 से ही महिलाओं के लिए समर्पित होकर काम
कर रहे हैं। महिलाओं का सशक्तिकरण स्थायित्व, आत्मविश्वास, मर्यादा और विकास की कुँजी
है। इससे न केवल परिवार को लेकिन सम्पूर्ण समाज और देश का विकास होता है। परिवर्तन संभव
है यदि आप महिलाओं को उनकी शक्ति और महत्व को समझने में सहायता करते हैं और इसी प्रकार
से आईवीडीपी ने तमिलनाडु में हजारों महिलाओं को सक्षम बनाया है कि वे निर्धनता के चक्र
को तोड़े जिसकी वे शिकार थीं। इस समय आईवीडीपी तमिलनाडु के कृष्णागिरी वेल्लोर और धर्मपुरी
जिलों में 8 हजार समूहों समर्थन और सहायता प्रदान कर रहा है।
फ्रांसिस का मानना
है कि आर्थिक समानता से सामाजिक समानता आती है और शायद यही एकमात्र रास्ता है देश में
पितृसत्तात्मक मानसिकता में बदलाव लाने का जो महिलाओं को पुरूषों के अधीन देखती है। उन्होंने
कहा कि वे अपनी पहलों के लिए कृतज्ञ हैं कि महिलाएं आर्थिक या वित्तीय दृष्टिकोण से स्वतंत्र
बनना सीख रही हैं और पुरूषों के सदृश बराबरी का आनन्द उठा रही हैं। इस नजरिये से यह कन्या
भ्रण हत्या के भयानक अभ्यासों का अंत करने में सहायता कर सकती है। उन्होंने कहा कि हर
सामाजिक वर्ग लड़कियों की शिक्षा को समर्थन दे ताकि समुदाय का पूर्णपरिवर्तन हो सके।
गरीबी उन्मूलन न केवल सरकार की लेकिन सामाजिक जिम्मेदारी है। सब लोगों को मिलकर काम करना
चाहिए ताकि इस परिवर्तन को असरकारी बना सकें।