2012-07-31 12:24:05

हाँग काँगः "चीनी राष्ट्रीय शिक्षा" का लोगों ने किया विरोध


हाँग काँग, 31 जुलाई सन् 2012 (एशिया न्यूज़): हाँग काँग में, रविवार को, लगभग 90,000 लोगों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किये। विरोध का कारण था चीन की सरकार द्वारा प्रस्तावित नई स्कूली सुधार योजना है।
चीनी सरकार द्वारा प्रस्तावित इस योजना के तहत स्कूली पाठ्यक्रम में, राष्ट्रीय शिक्षा शीर्षक के अन्तर्गत, उन पुस्तकों को शामिल किया गया है जो चीनी राजनैतिक निकाय की महिमा करती हैं।
सन् 2002 में ही काथलिक कलीसिया ने इस प्रकार की योजना का खण्डन किया था।
विरोध प्रदर्शन में विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों, मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं तथा शिक्षा विदों ने भाग लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार की नई योजना का उद्देश्य हाँग काँग की नई पीढ़ियों पर मतारोपण करना है।
उन्होंने कहा कि बैजिंग की सरकार ऐसी पाठ्यपुस्तकों का प्रस्ताव कर रही है जिनमें "प्रगतिशील, एकता में सूत्रबद्ध एवं निःस्वार्थ" साम्यवादी पार्टी का गुणगान किया गया है जबकि चीनी लोगों के अन्धकारपूर्ण विकास काल का ज़िक्र तक नहीं किया गया है।
हाँग काँग के सेवानिवृत्त कार्डिनल जोसफ ज़ेन ने भी चीनी सरकार की उक्त योजना पर गहन चिन्ता व्यक्त की है। शनिवार को ऊका समाचार से उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा के लिये शिक्षा बोर्ड की निर्देशिका व्यापक एवं सन्तुलित नहीं है।
कार्डिनल महोदय ने चेतावनी भी दी कि जर्मनी और जापान में राष्ट्रीयवादी शिक्षा के चलते ही द्वितीय विश्व युद्ध हुआ था तथा चीनी सांस्कृतिक क्राँति के समय युवाओं को रेड गार्ड बनने हेतु प्रोत्साहन मिला था।








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