न्यूयार्क अमरीका 28 जुलाई 2012 (सीएनएस) संयुक्त राष्ट्र संघ में वाटिकन के स्थायी
पर्यवेक्षक महाधर्माध्यक्ष फ्रांसिस चुल्लीकाट ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से परे
हथियारों के अवैध प्रसार को शिक्षा और जनजागरूकता के कार्यक्रमों द्वारा प्रभावी तरीके
से रोका जा सकता है। शस्त्र व्यापार संधि पर आयोजित संयुक्त राष्ट्रसंघीय कांफ्रेस को
27 जुलाई को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयास अपराध और हिंसा की
संस्कृति का विरोध करते हुए शांति की संस्कृति का प्रसार करेंगे। उन्होंने कहा कि संधि
ऐसी व्यवस्थाओं को स्थापित करे ताकि गैरजिम्मेदार और अस्थायित्व लानेवाले शस्त्र हस्तांतरणों
को कम किया जा सके क्योंकि हथियारों का अवैध हस्तांतरण संघर्षों को भड़काता तथा संयुक्त
राष्ट्र संघीय संकल्पों का उल्लंघन कर नागरिकों के खिलाफ हथियारों के उपयोग को बढ़ावा
देता है। महाधर्माध्यक्ष चुल्लीकाट ने कहा कि शांति की सच्ची शांति के लिए चाहिए
कि सरकारों के मध्य निकट सहयोग द्वारा, शस्त्र उद्योग और नागर समाज के प्रति समर्पण के
प्रति जिम्मेदारी भरी सहभागिता के द्वारा शस्त्र हस्तांतरण संधि हथियारों की सप्लाई और
शस्त्र व्यापार की माँग दोनों पक्षों का यथोचित जवाब दे सकती है। शस्त्र हस्तांतरण संधि
पर एक माह तक विचार विमर्श किये गये ताकि प्रतिवर्ष 60 बिलियन टर्नओवर वाले शस्त्र उद्योग
को नियंत्रित किया जा सके और हथियार आपराधिक समूहों या राजनैतिक विद्रोहियों के हाथों
में नहीं पहुँचे जो निर्दोष नागरिकों के जीवन को खतरा पहुँचाते हैं। महाधर्माध्यक्ष
चुल्लीकट ने सब देशों, अंतरराष्ट्रीय और गैर सरकारी संगठनों तथा निजी क्षेत्र का आह्वान
किया कि सब प्रकार के हथियारों के अवैध व्यापार को समाप्त करें। उन्होंने कहा कि हथियारों
पर नियंत्रण और अंतरराष्ट्रीय शस्त्र हस्तांतरण पर नियंत्रण करने संबंधी नियमनों से आगे
बढ़ते हुए यह संधि मानवीय प्रतिष्ठा को केन्द्र में रखने की ओर अग्रसर हो ।