2012-07-25 12:20:18

वाटिकन सिटीः क्यूबा के मानवाधिकार योद्धा को सन्त पापा की श्रद्धान्जलि


वाटिकन सिटी, 25 जुलाई सन् 2012 (सेदोक): सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने क्यूबा के मानवाधिकार कार्यकर्त्ता ओसवाल्दो पाया के निधन पर गहन शोक व्यक्त किया है।
रविवार को पूर्वी क्यूबा में, एक कार दुर्घटना में ओसवाल्दो पाया की मृत्यु हो गई थी। शांतिपूर्ण पहलों द्वारा राजनैतिक बदलाव लाने के प्रयासों के लिये ओसवाल्दो पाया विख्यात थे।
मंगलवार को वाटिकन राज्य के उपसचिव महाधर्माध्यक्ष आन्जेलो बेचू ने, सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें की ओर से, हवाना के काथलिक धर्माधिपति कार्डिनल आयमे लूकस ऑरतेगा के नाम एक तार सन्देश प्रेषित कर श्री पाया की मृत्यु पर गहन शोक व्यक्त किया। पाया द्वारा मानवाधिकारों एवं शांति के क्षेत्र में किये गये कार्यों को याद कर सन्त पापा ने दिवंगत आत्मा के प्रति भावभीनी श्रद्धान्जलि अर्पित की।
शोकाकुल क्यूबा की काथलिक कलीसिया, क्यूबा की सामान्य जनता तथा पाया के परिजनों के प्रति सन्त पापा ने हार्दिक संवेदना व्यक्त की तथा प्रार्थना में उनके समीप रहने का आश्वासन दिया।
मानवाधिकार कार्यकर्त्ता ओसवाल्दो पाया वारेला योजना के प्रेरक थे। इसी योजना के तहत क्यूबा में नागरिकों के अधिकारों की बहाली हेतु जनमत संग्रह किया गया था जिसमें 11,000 हस्ताक्षर एकत्र कर सन् 2002 में क्यूबा की संसद को दिये गये थे। वारेला योजना के लिये ही श्री पाया को यूरोपीय संसद द्वारा साखारोव मानवाधिकार पुरस्कार प्रदान किया गया था।
सन् 2003 में धन्य सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय ने अपनी क्यूबा यात्रा के दौरान श्री पाया से मुलाकात कर उन्हें "एल कूबानो" की संज्ञा प्रदान की थी जिसे ओस्वाल्दो पाया ने "आशा एवं प्रोत्साहन" का महान संकेत निरूपित किया था।
सन् 2005 में ओसवाल्दो पाया को नोबेल शांति पुरस्कार के लिये भी नामांकित किया गया था। सन् 1988 में उन्होंने क्यूबा में राजनैतिक परिवर्तन लाने के उद्देश्य से क्यूबाई क्रिस्टियन लिबरेशन मूवमेन्ट की भी स्थापना की थी।








All the contents on this site are copyrighted ©.