यूरोपीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों की कौंसिल द्वारा सीरिया में हिंसा और युद्ध को समाप्त
करने का आग्रह
सेंट गालेन, स्विटजरलैंड 20 जुलाई 2012 (जेनिथ) यूरोपीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों की
कौंसिल ने सीरिया में हिंसा और युद्ध को समाप्त करने का आग्रह किया है। कौंसिल के अध्यक्ष
एस्जतेरगोम बुडापेस्ट के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल पीटर एरदो, उपाध्यक्ष जेनोवा के महाधर्माध्यक्ष
कार्डिनल अंजेलो बान्यास्को तथा उपाध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष जोसेफ मिकालिक द्वारा ह्स्ताक्षरित
वक्तव्य में धर्माध्यक्षों ने खेद प्रकट किया है कि हथियारों ने वार्ता को दरकिनार कर
दिया है।
धर्माध्यक्षों ने यह आशा व्यक्त की है कि सीरिया के अधिकारी और नागरिक
तथा सब विश्वासी वे चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी हों वे ईश्वर की ओर देखें तथा ऐसा पथ
पाये जो सब प्रकार की हिंसा को समाप्त करे, लोग हथियारों को छोड़ें तथा वार्ता, मेलमिलाप
और शांति के पथ पर चलना शुरू करें।
धर्माध्यक्षों ने पुष्टि करते हुए कहा है
कि हिंसा केवल अंतहीन दुःख, दर्द, विनाश ही ला सकती है तथा सीरिया की जनता के लिए गंभीर
दुष्परिणाम हो होंगे। युद्ध का परिणाम मौत और विनाश ही है। एकसाथ रहकर ही खुशी पायी जा
सकती है न कि एक समूह द्वारा दूसरे समूह के खिलाफ सत्ता का दुरूपयोग कर। धर्माध्यक्षों
ने आगामी दिनों को संकट निवारण के लिए निर्णायक कहते हुए क्षेत्र में शांति स्थापना के
लिए प्रार्थना करने का आह्वान किया है। हमारा विश्वास यह आशा देता है कि संकट का समाधान
संभव है। ऐसा समाधान जो रचनात्मक, वैध और सबके हितों की रक्षा करता है। यह जरूरी है कि
शांति के लिए संवाद या वार्ता करने का स्थान बनाया जाये। एक दूसरे को समझने में कदापि
देरी नहीं है ताकि समझौता करके एक साथ मिलकर सबके भविष्य की रचना करें।
यूरोपीय
धर्माध्यक्षों को विश्वास है कि सीरिया में, ईश्वर की सहायता से सदभावना का प्रभुत्व
होगा तथा सत्य, न्याय, प्रेम, स्वतंत्रता और सब अल्पसंख्यकों विशेष रूप से देश के ईसाईयों
के प्रति सम्मान से पूरित शांतिमय जीवन का प्रादुर्भाव होगा।