सरकारी दमन के बावजूद धार्मिक स्वतंत्रता के लिये मार्च
विन्ह, वियेतनाम 16 जुलाई, 2012 (एशियान्यूज़) वियेतनाम में धार्मिक स्वतंत्रता के लिये
आयोजित मार्च के मद्देनज़र सरकारी सेना तैनात करने के बावजूद विन्ह प्रांत में 15 जुलाई
रविवार को आयोजित रैली में 10 हज़ार काथलिकों हिस्सा लिया। रैलीकर्ताओं ने सरकार
से माँग की कि वह उन्हें धार्मिक स्वतंत्रता और सुरक्षा प्रदान करे। एशियान्यूज़
के अनुसार सरकार ने विरोध मार्च की पूर्व संध्या पर बिशप्स हाउस के बाहर टैंक तैनात कर
दिया था और सेना की पहरेदारी बढ़ा दी थी। विरोध मार्च में लोगों ने माँग कि उन पर
हो रहे अत्याचार का अंत हो। उन्होंने माँग कि धर्म के नाम पर होने उत्पीड़न समाप्त की
जाये और स्थानीय मीडिया द्वारा काथलिकों के विरुद्ध में दुष्प्रचार बंद हो। रविवार
को 15 जुलाई को पूरे वियेतनाम में रैलियाँ निकाली गयीं और धरने तथा प्रदर्शन हुए और रैली
कर्ताओं ने यह कह कर नारे लगाये ‘धार्मिक स्वतंत्रता हमारा अधिकार है’ ‘हम चर्च की रक्षा
के लिये हम दृढ़ संकल्प है’ और ‘कुँवारी मरिया की मूर्ति तोड़नेवाली सरकार का हम विरोध
करते हैं’। रैलीकर्ताओं ने दावा किया है कि सरकारी दमन के बावजूद धार्मिक स्वतंत्रता
के लिये आयोजित रैली शांतिपूर्ण रही और किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। बोत
ता नामक जगह में पुलिस ने पवित्र मिस्सा पर बाधा डालने का प्रयास किया। सरकारी बलों ने
गिरजाघर को घेर लिया था और विश्वासियों को धमकियां दीं। विदित हो गत वर्ष एक प्रसिद्ध
पत्रकार जेबी नुयेन हुए आक्रमण में कर इतना घायल कर मृतप्राय कर दिया था। यह भी ज्ञात
हो कि 1 जुलाई को काथलिकों पर किया गया हमला काथलिकों पर होने वाले अत्याचार का एक छोटा-सा
नमुना था। स्थानीय सरकार ने उस पुलिस सेना और अन्य क्षेत्रीय बलों को भेज कर पुरोहितों
और विश्वासियों पर सीधा हमला किया और कोकौउन्ग गिरजाघर को अपवित्र किया और माता मरिया
की मूर्ति को तोड़ दिया।