बंगलोर भारत 13 जुलाई 2012 (सीएनएस) भारत के उत्तरपूर्वी राज्य असम में बाढ़ के कारण
126 लोग मारे गये हैं तथा 30 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ पीडितों की सहायता
के लिए चलाये जा रहे राहत कार्यो में कलीसियाई कार्यकर्ता भी शामिल हो गये हैं। तेजपुर
धर्मप्रांत की सामाजिक सेवा एजेंसी के निदेशक फादर थ्योदोर पुर्ती ने काथलिक समाचार सेवा
को 12 जुलाई को बताया कि बाढ़ के कारण परिस्थिति बहुत गंभीर है तथा बाढ़ प्रभावित परिवारों
के लगभग 70 फीसदी लोगों के पास अपने गाँव तक पहुँचने का कोई उपाय नहीं है। फादर पूर्ति
ने बाढ़ के कारण हुई हानि तथा बाढ़ प्रभावितों के पुर्नवास के लिए चर्च द्वारा चलाये
जानेवाले कार्यक्रमों का आंकलन करने के लिए सुदूर गाँवों का दौरा करने के बाद अपने कैम्प
में लौटने पर बताया कि अनेक गाँवो में बाढ़ का जल जमा है तथा मवेशी और अन्य घरेलू सामानों
सहित घर पानी में बह गये हैं। इन गाँवों में पहुँचना असंभव हो गया है क्योंकि सड़क और
रास्ते बाढ़ के पानी में बह गये हैं। जून माह में हुई घोर मौनसूनी बारिश तथा भूटान
से आये बाढ़ के जल के कारण असम के 27 में से 23 जिलों के अनेक शहर और रास्ते तथा हजारों
गाँवों में बाढ़ का जल भर गया है। कारितास इंडिया की आपदा प्रबंधन टीम की लीडर बाबीता
अलिक ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद काथलिक समाचार सेवा से कहा कि डाक्टरों
की अगुवाई में तीन चिकित्सा दल स्कूलों और अन्य केन्द्रों में सरकार द्वारा चलाये जा
रहे राहत केन्द्रों में ग्रामीणों को सहायता पहुँचा रहे हैं। राहत शिविरों में स्थिति
बहुत गंभीर है। शिविर में रह रहे दो हजार लोगों के लिए शौचालय की सुविधा नहीं के बराबर
है।