2012-07-06 18:33:56

कार्डिनल फिलोनी द्वारा कांगो के लोकधर्मियों की सराहना


किंसासा कांगो 6 जुलाई (फीदेस) परमधर्मपीठीय सुमसाचार प्रसार परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल फेरनान्दो फिलोनी ने 5 जुलाई को अफ्रीकी राष्ट्र कांगों के किंसासा में मेम्बरर्स ओफ नेशनल कमिटी औफ ले तथा कमिशन्स ओफ लेटि के प्रतिनिधियों को सम्बोधित किया। उन्होंने कलीसिया की सेवा में कार्यरत कांगो के लोकधर्मियों के समर्पण की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया।
उन्होंने कहा कि लोकधर्मियों और उनके मेषपालों के मध्य प्रशंसनीय सहयोग के लिए वे आभारी हैं क्योंकि स्थानीय कलीसिया जीवंत, गतिशील और मिशनरी है। सुसमाचार प्रसार के लिए योगदान देनेवाले सब लोकधर्मियों के प्रति विशेष रूप से धर्मशिक्षकों और प्रचारकों के योगदान के लिए आभार मानता हूँ। कार्डिनल फिलोनी ने कहा कि अनेक लोकधर्मी हैं जो राजनीति, आर्थिक और संस्कृति के क्षेत्र में विश्वास और परोपकार का उत्तम उदाहरण अर्पित करते हैं। उन्हें प्रोत्साहन देते हुए कार्डिनल महोदय ने कहा कि राजनीति, सामाजिक संस्कृति और कलीसियाई क्षेत्रों में अनेक चुनौतियाँ हैं। संघर्ष, अस्वस्थ स्पर्धा, जातीय और नस्ल पर आधारित विभाजन, जादू टोना और भाग्यवाद, कलीसिया का परित्याग कर अन्य समूहों और समुदायों में शामिल होना ये सब बुराईयाँ कुछेक ईसाईयों में विश्वास की गहराई की कमी को दिखाती हैं। उन्होंने इन्हें सुममाचार की भावना के विपरीत व्यवहार और मनोवृत्ति करार देते हुए अविलंब बदलने का आह्वान किया।
कार्डिनल फिलोनी ने कहा कि परिवार एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र है जहां मेषपालीय सेवा उपलब्ध कराते हुए विशेष ध्यान दिये जाने की जरूरत है क्योंकि विवाह संबंधी कलीसिया के नैतिक विधानों के प्रति लोगों का कमजोर झुकाव, तलाक और बहुपत्नीवाद जैसे कारणों से यह प्रभावित है। कार्डिनल महोदय ने परिवार प्रेरिताई और परिवार की आध्यात्मिकता का प्रसार करने के लिए लोकधर्मियों से सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह किया ताकि परिवार और पारिवारिक मूल्यों की रक्षा की जा सके। उन्होंने कहा कि शांति, न्याय और मेलमिलाप जैसे मूल्यों पर शिक्षा दिया जाना परिवार में ही आरम्भ होता है। यह वह क्षेत्र और समर्पण है जिसकी पहचान अफ्रीका सिनड के समय की गयी तथा अफ्रीका के चर्च के लिए प्राथमिकता है विशेष रूप से कांगों में जहाँ का सामाजिक राजनैतिक संदर्भ युद्ध, सशस्त्र संघर्ष. सत्ता की लड़ाई, जनसमुदाय का विस्थापन, सामाजिक अन्याय और मानवाधिकारों के हनन से प्रभावित रहा है। यहाँ चर्च और परिवार को ईश्वरमय बनाने अर्थात् क्षमा, मेलमिलाप और शांति का सच्चा स्थान बनाने की चुनौती है।
कार्डिनल फिलोनी ने कांगो के सब लोकधर्मियों का आह्वान किया कि वे अपने जीवन में विश्वास का पूर्ण साक्ष्य देते रहें तथा ईश्वर के साथ गहन आध्यात्मिक संबंध का विकास करते हुए पवित्रता के लिए प्रयास करते रहें।








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