श्री लंकाः सेना ने तमिलों को उनके घरों में जाने से रोका
श्री लंका, 27 जून सन् 2012 (ऊका): उत्तरी श्री लंका में, इस सप्ताहान्त, सेना ने 45
विस्थापित काथलिक तमिल परिवारों को यह कहकर उनके घरों से बाहर निकाल दिया कि उन्हें अपने
घरों को वापस लौटने के लिये रक्षा मंत्रालय से अनुमति लेना ज़रूरी है। सन् 2008 में,
गृहयुद्ध के कारण अपने घरों का परित्याग करनेवाले तमिल काथलिक परिवार, दो सप्ताहों पूर्व,
मन्नार द्वीप पर कलीसिया द्वारा निर्मित अपने घरों को लौटे थे। गाँववासियों के अनुसार
नौसेना के अधिकारियों ने उनसे कहा कि उन्हें परिवारों की पुनः वापसी के बारे में कुछ
नहीं बताया गया था। पियुस अनन्तकुमार आसुन्ता ने ऊका समाचार से कहा, "सेना नें हमें
आदेश दिया कि मध्यरात्रि से पूर्व हम अपने घरों को छोड़ दें जिसके बाद हम पाँच किलो मीटर
पैदल चलकर पास के गिरजाघर पहुँचे।" स्थानीय गिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर अविथापर
साविरी ने कहा कि विस्थापितों की पुनः वापसी तथा अपने घरों को लौटने की बात सरकारी अधिकारियों
के साथ की जा चुकी थी। संयुक्त राष्ट्र संघ के राहत कार्यों का समन्वय करनेवाले कार्यालय
द्वारा प्रकाशित आँकड़ों के अनुसार दशकों तक चले श्री लंका के गृहयुद्ध में 4,48,000
लोग विस्थापित हो गये थे जिनमें से अभी भी लगभग 6,000 विस्थापित लोग विभिन्न कल्याणकारी
शिविरों में रह रहे हैं।